Valmiki Tiger Reserve;- बिहार का इकलौता राष्ट्रीय उद्यान वाल्मीकि टाइगर रिजर्व की पूरी जानकारी-

यदि आप बिहार में जंगल सफारी करना चाहते हैं. तो आज हम आपको बिहार के सबसे बड़े राष्ट्रीय उद्यान वाल्मीकि  टाइगर रिजर्व के बारे में बताने जा रहा हु. यह एक टाइगर र्रिजर्व हैं जो पूरी दुनिया में बाघों के लिए जाना जाता है. जो भारत के बिहार नेपाल बॉर्डर पर हिमालय के तराई क्षेत्र में स्थित हैं.

यह बिहार का एक मात्र टाइगर रिजर्व हैं . जहां पिछले 5 वर्षों बाघों की 5गुनी बढ़ोतरी हुई हैं, इस टाइगर्स रिजर्व में कई अलग अलग प्रकार के जानवर ,चिड़िया तथा जलीय जीवों पाई जाती हैं. इनमें मुख्यतः बाघ, हाथी ,तेंदुआ ,हिरन ,हाथी ,भालू आदि पायी जाती हैं .और इस जंगल के बीचों बीच स्थित नदियों में विलुप्त हो रही डॉल्फिन भी पाई जाती हैं. तो आइए जानते हैं , वाल्मीकि टाइगर रिजर्व Valmiki Tiger Reserve के विषय में-

Valmiki Tiger Reserve;- बिहार का इकलौता राष्ट्रीय उद्यान वाल्मीकि टाइगर रिजर्व की पूरी जानकारी-


Table of Contents

वाल्मीकि टाइगर रिजर्व की विशेषता- Valmiki Tiger Reserve ( VTR )

वाल्मीकि राष्ट्रीय उद्यान बिहार का एकमात्र राष्ट्रीय उद्यान हैं. जहां आप आसानी से यहां मौजूद हर प्रकार के जीव जंतु को देख सकते हैं, यहां आप चाहें तो आप अपने निजी वाहन से भी सैर कर सकते हैं .लेकिन वह डर बना रहेगा। रास्ते औऱ जंगली जानवरों का। यह एक खूबसूरत जंगल हैं . जो बिहार के बेतिया जिले के वाल्मीकि नगर में पड़ता है. यह जंगल पुररे 1000 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है .जो पश्चिमी चंपारण जिले के कुल भौगोलिक क्षेत्रफल का 17.4% हिस्सा को कवर करता है । इस जंगल का कुछ हिस्सा पड़ोसी देश नेपाल में भी पड़ता है। जिसकी सीमा रेखा गंडक नदी तय करती हैं।

वाल्मीकि वेयाघ्र परियोजना

वाल्मीकि व्यार्ग्घ् परियोजना का सबसे बड़ा खास बात यह है कि यह उत्तर प्रदेश के सोह गीवरवा वन्य जीव अभ्यारण्य औऱ पड़ोसी देश नेपाल के चितवन नेशनल उद्यान की सीमाएं आपस मे मिलती हैं और पास स्थित गंडक नदी भी है. यहां पर हिन्दुओ का धार्मिक स्थल त्रिवेणी धाम है.यहां तमसा, सोनभद्रा एवं नारायणी नदी का संगम है.यहां जाने वाले सैलानियों को यहां मौजूद प्रशिक्षित गाडड बाघ वँ गैंडों के साथ जंगल के अन्य जैव विविधता सामने से दिखाते हैं, इसे  वाल्मीकि व्यार्ग्घ्प परियोजना और  वाल्मीकि नगर उद्यान के नाम से भी जानते है.

वाल्मीकि नगर का इतिहास रामायण काल से भी जुड़ा हैं 

वाल्मीकि नगर का इतिहास रामायण काल से भी जुड़ा हैं

वाल्मीकि आश्रम, 

वाल्मीकि नगर जंगल इनसब के आलवा भी यह जंगल ऐतिहासिक धार्मिक रूप से भी महत्वपूर्ण रखता है ऐसा कहा जाता है कि इस जंगल का भगवान महर्षि वाल्मीकि के नाम पर पीडीए था। तथा उन्हों ने यही पर रामायण नामक ग्रन्थ की रचना की थी. भगवान श्रीराम द्वारा अपने पत्नी सीता का जब परित्याग कर दिया था. तो माता यही महर्षि वाल्मीकि के आश्रम में आकर रही औऱ यही भगवान श्री राम के दो पुत्र लव कुश का जन्म माता सीता के गर्भ से हुआ था. त्रेता युग मे घटित रामायण के रचनाकार महर्षि वाल्मीकि का आश्रम इसी राष्ट्रीय उद्यान में भारत नेपाल बॉर्डर पर घने जंगलों मे स्थित है .

इन्हें भी पढ़ें,- ये है भारत का सबसे साफ नदी जहां बोट शीशे पर तैरती हुई दिखाई पड़ती हैं

वाल्मीकि राष्ट्रीय उधान में सैलानियों के देखने के लिए क्या है खास

वाल्मीकि राष्ट्रीय उधान में सैलानियों के देखने के लिए क्या है खास

Valmiki Tiger Reserve Tourism जंगल सफारी के लिए वीटीआर में आए पर्यटक वाल्मीकि व्यार्ग्घ् परियोजना में सैलानियों को देखने के लिए बहुत कुछ है जो आपके मन को हर्षित कर देगा।यहां पर सैलानी जंगल सफारी का लुफ्त उठा सकते हैं. जिसके माध्यम से आप जंगल मे मौजूद रंग बिरंगे जानवर ,बाघ हाथी ,तेंदुआ , भालू, कोबरा, जंगली सुअर, सांभर, खरगोश, भारतीय उड़ने वाली लोमड़ियों ,हिरण ,नीले बैल ,और भौंकने वाले हिरण आसानी से देखे जा सकते हैं. इस टाईगर रिज़र्व में बिभिन्न प्रकार के पक्षियों की 250 से अधिक प्रजातियां पायी जाती हैं .


सैलानी यहां स्थित वॉच टावर से सम्पूर्ण जंगल का अद्भुत दृश्य देख सकते हैं. इसके अलावा बर्ड वाचिंग के शौकीनों के लिए भी बेहतरीन जगह है। वाल्मीकि वन्यजीव में सैलानी पहाड़ियों की खूब सुंदरता, घाटियों तथा नदियों के मनोरम दृश्यों का भी इस दौरान आप आनंद ले सकते हैं। पहले तो यहां बाघों की संख्या काफी कम हो गयी थी लेकिन पिछले 3 साल में यहां 40 बाघ की संख्या हो चुकी

Kauleshwar Jhula कौलेश्वर झूला पुल

Kauleshwar Jhula कौलेश्वर झूला पुल

कौलेश्वर झूला पुल Valmiki Nagar Tourism जंगल सफारी के लिए वीटीआर में आए पर्यटक वाल्मीकि नगर बिहार वाल्मीकि जंगल से कुछ हीं दूरी पर स्थित एक कौलेश्वर झूला पुल है। यह पुल 300 मीटर लंबा है जो लोहे की मोटे तारों पे लटका हुआ है जिसपे चलने पर यह पुल हिलता है।इसीलिए इस पुल का नाम कौलेश्वर झूला पुल है। इसका निर्माण सैलानी के आनंद के लिए बनाया गया है लेकिन यह झूला के दूसरी तरफ घना जंगल है जहां आगे जाने का कोई रास्ता नहीं है। जिस कारण सैलानी अंतिम छोड़ से वापस लौट आते हैं । यह पूरी तरह से निशुल्क है

बाघों की संख्या Tiger Population in Valmiki Tiger Reserve

वर्तमान समय से पहले इस राष्ट्रीय उद्यान में पशु तस्कर व्यापार के वजह यहां हर साल जंगली जीव जंतुओं के संख्या कम होती चली गई। अवैध शिकार के कारण यहां बाघों की घटकर 5 रह गया था.  लेकिन भारत सरकार के कड़े कदम और सीमा सुरक्षा बल ssb के वजह से यहां शिकार बन्द हुआ औऱ अब यहां मौजूद हर जीव जन्तुओं की संख्या में बढ़ोतरी हुई है, खासकर बाIघों की जिसकी पहले संख्या 5 थी वह अब बाघों की संख्या 40 तक हो गयी।

इन्हें भी जाने- ये है देश का पहला वँ सबसे खतरनाक सी-ब्रिज

कहा ठहरे –

आप जब कभी वाल्मीकि वन्यजीव अभ्यारण जाए तो जंगल के पास में स्थित बने खूबसूरत जंगल कैंप औऱ
वाल्मीकि बिहार रिसॉर्ट में रुके सकते हैं. या आप valmiki nagar tiger reserve hotel में भी रह सकते हैं. जिसके लिए आपको पहले से ऑनलाइन बुकिंग करने पड़ेंगे। जिसके लिए आप अपनी 
Valmiki Tiger Reserve Booking बुकिंग इस वैबसाइट पर जाकर 


www.valmikitigerreserve.com पर आसानी कर सकते है।

वाल्मीकि व्यार्ग्घ् परियोजना को CATS की सूची में मिला 14वां स्थान

अंतराष्ट्रीय बाघ दिवस के अवसर पर बिहार राज्य के एकमात्र राष्ट्रीय उद्यान राष्ट्रीय उद्यान वाल्मीकिनगर टाइगर रिजर्व को भारत सरकार ने एक नई सौगात दी है. जिसके तहत अब यह वाल्मीकि टाइगर रिजर्व को पूरे देश की CATS की सूची में 14वां स्थान दिया गया है. बिहार पर्यटन के लिहाज से अगर देखा जाए तो बिहारवासियों के लिये एक बहुत ही अच्छी खबर है.


वाल्मीकि राष्ट्रीय उद्यान कहां है valmiki nagar tiger reserve kahan hai

वाल्मीकि वन्यजीव उद्यान भारत के बिहार राज्य के पश्चिमी चंपारण जिले में पटना से करीब 360 किमी दूर भारत-नेपाल बॉर्डर पर स्थित है. यह बिहार का इकलौता राष्ट्रीय उद्यान है। यहां के प्रमुख शहर बेतिया हैं .जहां से  वाल्मीकि वन्यजीव  अभ्यारण्य की दूरी 100 km दूर है  इस राष्ट्रीय उद्यान पास में ही नेपाल के रॉयल चितवन नेशनल पार्क और हिमालय पर्वत एवं गंडक नदी से घिरा हुआ है।

वाल्मीकि राष्ट्रीय उद्यान जाने का सबसे अच्छा समय Best time to visit Valmiki Tiger Reserve

वाल्मीकि राष्ट्रीय उद्यान जाने का प्लान बना रहे हैं तो यह जान ले कि आपके लिए बेस्ट समय कौन रहेगा। वाल्मीकि बाघ अभ्यारण जाने का सबसे बेस्ट समय अक्टूबर माह से लेकर अप्रैल माह तक का होते हैं।गर्मी के दिन में भी आप जा सकते हैं।

कैसे पहुंचे वाल्मीकि नगर व्यार्ग्घ् परियोजना How to reach Valmiki Tiger Reserve

वाल्मीकि नगर जाने का रास्ता कई सारे रास्ते हैं. इसके लिए सर्वप्रथम आपको पटना एयरपोर्ट पर पहुँचना होगा और फिर आप patna to valmiki tiger reserve bus से पहुंच सकते हैं.


सड़क मार्ग––

वाल्मीकि वन्यजीव अभ्यारण्य बिहार के राजधानी पटना से करीब 360 किमी दूर है जहां आप देश के किसी भाग से हवाई मार्ग से आकर वहां से आप बस से वाल्मीकि नगर स्थित जंगल पहुंच सकते हैं।

रेल मार्ग;-

वाल्मीकि टाइगर रिजर्व रेल मार्ग से पहुँचने के लिए देश के किसी भाग से सैलानी यहां के नजदीकी रेलवे स्टेशन बगहा पहुंच सकत्व है जहां से हर प्रकार की सवारी आपको मिल जाएगी । सबसे खास बात यह है कि इस टाइगर रिजर्व वन के बीचों बीच रेलवे लाइन गुज़रती हैं। दिल्ली से बगहा के लिए सीधी ट्रेन भी चलती है।

पूछा जाने वाले प्रश्न:-

Q. वाल्मीकि राष्ट्रीय उद्यान में कितने बाघ है

वाल्मीकि टाइगर रिजर्व में कुल 40 बाघ हैं

Q. नेपाल में कौन सा राष्ट्रीय उद्यान भारत के वाल्मीकि राष्ट्रीय उद्यान का विस्तार है?

नेपाल में स्थित चितवन राष्ट्रीय उद्यान भारतीय बाघ अभयारण्य वाल्मीकि का विस्तार है।

Q. बिहार में कितने राष्ट्रीय उद्यान हैं।

बिहार में वर्तमान समय में एक राष्ट्रीय उद्यान (National Park) एवं 12 वन्य जीव अभयारण्य हैं।

Q. वाल्मीकि राष्ट्रीय उद्यान कहा स्थित हैं।

वाल्मीकि राष्ट्रीय उद्यान बिहार राज्य के पश्चिमी चंपारण जिले के सबसे उत्तरी भाग में नेपाल की सीमा के पास बेतिया से लगभग 100 किलोमीटर की दूरी पर वाल्मीकि नगर में स्थित है।

Q. वाल्मीकि टाइगर रिजर्व की स्थापना कब हुई?

वाल्मीकि टाइगर रिजर्व की स्थपना 1978 में हुआ।

Q. Valmiki Tiger Reserve contanct number

उपलब्ध नहीं है

Q.वाल्मीकि अभ्यारण में कौन सी नदी बहती है?

गंडक और मसान नदी। 

Q.वाल्मीकि राष्ट्रीय उद्यान क्यों प्रसिद्ध है?

वाल्मीकि राष्ट्रीय उद्यान, प्रसिद्ध होने के तीन मुख्य कारण है – वाल्मीकि राष्ट्रीय उद्यान दो राष्ट्रीय उद्यान के समीप ही हैं जिसमे एक नेपाल और दूसरा गोरखपुर तो वही दूसरी ओर इस उद्यान में राष्ट्रीय टाइगर रिजर्व औऱ पक्षी अभयारण्य भी हैं तो वहां धार्मिक रूप से भी इस जंगल का महत्व औऱ भी ज्यादा बढ़ जाता हैं।यह नेशनल पार्क बढ़ती हुई बाघों वँ घड़ियाल के लिए भी प्रसिद्ध होता जा रहा है वर्तमान में यहां 40 बाघ औऱ 500 से ज्यादा घड़ियाल पाए जाते है।

Q .बिहार का सबसे छोटा वन्य जीव अभ्यारण कौन सा है?

कतरनियाघाट वन्यजीव विहार

Q.चम्पारण उद्यान कहाँ पर स्थित है?

नेपाल के राजकीय चितवन नेशनल पार्क से सटा औऱ बेतिया से ८० किलोमीटर दूर बाल्मिकीनगर में स्थित हैं.वाल्मीकि राष्ट्रीय उद्यान, इसे कहते है।

Q.बिहार का सबसे बड़ा वन्य जीव अभ्यारण कौन है?

भीमबंध वन्य जीव अभ्यारण्य (मुंगेर) – 681.99 वर्गकिमी

Q.बिहार में कौन सा पक्षी अभ्यारण्य हैं

कुशेश्वर पक्षी अभ्यारण्य

Q.बिहार के राष्ट्रीय उद्यान कौन कौन से हैं?

वाल्मीकि राष्ट्रीय उद्यान 

गौतम बुद्ध वन्यजीव अभ्यारण

भीम बांध वन्यजीव अभ्यारण 

उदयपुर वन्यजीव अभयारण्य 

कैमूर वन्य जीव अभ्यारण्य

राजगीर वन्य जीव अभ्यारण्य

विक्रमशिला गंगेय डॉल्फिन अभ्यारण

रजौली वन्य जीव अभ्यारण्य

Q.वाल्मीकि बाघ अभयारण कितने भाग में है

वाल्मीकि बाघ अभयारण 3 भाग में है पहला टाइगर रिजर्व ,दूसरा वन्य जीव अभयारण्य तथा तीसरा जलीय wildwife का।

हमारे हिंदी साइट्स “भारत की बात” पर आने के लिए आपका धन्यवाद!

Conclusion:- वाल्मीकि टाइगर रिजर्व बिहार पर्यटन स्थल की जानकारी आपको कैसा लगा, क्या यह Valmiki Tiger Reserve Bihar का जानकारी आपके लिए पर्याप्त है. और अगर है तो आप हमें अपने विचार कमेंट कर बताएं। हम आपके हर एक प्रश्न का उत्तर देने के लिए तैयार है।

और भी पढ़ें- अरुणाचल प्रदेश की6 ख़ूबसुन्दर झरने की जानकारी

अटेर का किला को खूनी किला क्यों कहा जागता जाने रहस्य-

Cleanest Village Of India; एशिया के सबसे स्वच्छ वं सुंदर गांव भारत में; जानिए पूरी जानकारी- 

भारत का पहला स्काईवॉक ग्लास ब्रिज glass bridge जहां चीन अमेरिका जैसी होती हैं महसूस ,पूरी जानकारी…

Rajgir tourist place : राजगीर में घूमने लायक टॉप 15 पर्यटन स्थल की जानकारी- 

दुनिया में 10 सबसे खतरनाक रेलवे ट्रैक 10 Most Dangerous Railway Tracks in The World

15 + famous tourist place in Bihar बिहार के लोकप्रिय 15 पर्यटन स्थलों की जानकारी-

Dudhsagar Falls: मॉनसून में चार चांद लगाने वाले दूधसागर जलप्रपात के बारे में जाने पूरी जानकारी-

भारत के 10 प्राकृतिक आश्चर्य जनक स्थान के नाम वं पूरी जानकारी  (Information Of 15 Amazing Natural Wonders Places Of India In Hindi)

भारत का स्विट्जरलैंड कोडाइकनाल पर्यटन स्थल घूमने की जानकारी – Kodaikanal Tourism Information In Hindi

The Last Village of India: भारत का आखिरी गांव प्राप्त है भगवान शिव का आशीर्वाद, जहा पैर रखते ही व्यक्ति हो जाता अमीर

बड़ा बाग, जैसलमेर का जानकारी:- Bada Bagh Jaisalmer Information In Hindi

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *