Sri Krishna Janmabhoomi इतिहास क्या है वर्तमान में श्री कृष्ण जन्मभूमि मंदिर वँ ईदगाह मस्जिद का विवाद क्या है-

अयोध्या के श्री रामजन्म भूमि औऱ गुजरात के सोमनाथ मंदिर तथा बनारस के काशी विश्वनाथ मंदिर की तरह ही मथुरा स्थित श्रीकृष्‍ण जन्मभूमि( Sri Krishna Janmabhoomi )पर बने हुये ख़ूबसुन्दर वँ भव्य मंदिर को कई मुस्लिम आक्रांताओं ने लूटा औऱ उसका विध्वंस किया।जिसमें सबसे पहला नाम मुहम्मद गजनवी का आटा हैं.श्रीकृष्‍ण जन्‍मस्‍थान पर मुस्लिम लुटेरों द्वारा एक बार नही अपितु 3 बार हमला किया गया और उसे तोड़ दिया गया। जिसे समय समय पर यहां के हिन्दू राजाओं ने अबतक 4 बार निर्माण करवाया गया। वर्तमान समय में मंदिर के पास में बनी ईदगाह और इस ईदगाह के मालिकाना हक के लिए वर्षो से बात विवाद औऱ कोर्ट में केश चल रहा है।

Sri Krishna Janmabhoomi इतिहास क्या है वर्तमान  में श्री कृष्ण जन्मभूमि मंदिर वँ ईदगाह मस्जिद का विवाद क्या है-

श्रीकृष्ण जन्मभूमि तीर्थस्थल, मथुरा उत्तरप्रदेश

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श्रीकृष्‍ण जन्मभूमि का इतिहास…. (History of  Sri Krishna Birth Places in Hindi)

Sri Krishna Janmabhoomi :-वर्तमान समय में आज जिस मथुरा में कृष्‍ण जन्‍मस्‍थान मंदिर वँ ईदगाह हैं. वह स्थान आज से करीब 3000 वर्ष द्वापरयुग में श्री कृष्ण के मामा महराजा कंस का कारागार हुआ करता था.जो उस समय मथुरा राज्य के मल्‍लपुरा के कटरा केशव देव क्षेत्र में आता था.हिन्दू धर्म ग्रन्थों के अनुसार भगवान श्रीकृष्ण का जन्म तब इसी कारगर में हुआ था.उस वक्त उनके मा देवकी औऱ पिता वासुदेव कंस के एसी कारागार में कैदी बनाया गया था।

कृष्णजन्म स्थान पर सबसे पहले श्रीकृष्ण के प्रपौत्र बज्रनाभ ने बनवाया था मंदिर

भविष्य पुराण वँ अन्य हिन्दू धर्म ग्रन्थों के लिखित साक्ष्य सहित तथ्यों के अनुसार कृष्णजन्म स्थान कारागार में उनके प्रपौत्र बज्रनाभ अपने पितामह के यहां पर एक भव्य मंदिर बनवाया था.इसके अलावा यहां पर प्राप्त हुय शिलालेख के आधार पर यहां के मथुरा के आमनिवासी कहते हैं कि- मथुरा में शोडास के राज्य में वसु नामक एक व्यक्ति ने भगवान श्रीकृष्ण जन्मभूमि स्थान पर एक भव्यवमंदिर, और उसका तोरण-द्वार, वेदिका का निर्माण करवाया था।

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महान सम्राट विक्रमादित्य ने बनवाया था मथुरा में दूसरा भव्य व विशाल मंदिर

ऐतिहासिक साक्ष्य के अनुसार आज से करीब 2000 वर्ष पहले चंद्रगुप्त विक्रमादित्य ने श्री कृष्ण जन्मभूमि स्थान पर दूसरा मंदिर बनवाया औऱ उसका मरम्मत कार्य को पूर्ण किया था.जजिसे वर्ष 1017 ई में मुस्लिम लुटेरा मुहम्मद गजनवी ने यहां के सभी खजाना को लूटा औऱ मंदिर को तोड़वा दिया था.

राजा वि‍जयपाल देव के शासन में बना तीसरा सुंदर तथा भव्य मंदिर-

इतिहासकारों के अनुसार-राजा वि‍जयपाल देव ने अपने शाशनकाल के दौरान गजनवी द्वारा तोड़े गए श्री कृष्ण मंदिर का पुनः 1150 में निर्माण करवाया। जिसे वर्ष 1600 में मुस्लिम आक्रांता सिकंदर लोदी ने तुड़वाया था

मुगल शासन के समय चौथी बार बना मंदिर, औरंगजेब ने तुड़वाया

मुगल शासन के दौरान ओरछा के राजा वीर सिंह देव बुंदेला ने कृष्णजन्म स्थान Sri Krishna Janmabhoomi पर चौथी बार बहुत ही बड़ा वँ भव्य मंदिर बनवाया था.कजिसके विषय में ऐसा कहा जाता हैं कि इस मंदिर के सुंदरता वँ भव्यता को देखकर मुस्लिम आक्रांता मुगल शासक औरंगजेब ने वर्ष 1669 में तुड़वा दिया था.औऱ इस तोड़े गए मंदिर के भाग पर ईदगाह का निर्माण करवा दिया।

देश के आजादी के बाद मौजूदा मंदिर का निर्माण हुआ

श्री कृष्ण जन्म भूमि ट्रस्ट की स्थापना बिड़ला परिवार के बड़े उधोगपति जुगलकिशोर और मदनमोहन मालवीय जी के आग्रह पर वर्ष 1951 को हुआ था। जिसे लेकर मथुरा के कुछ मुस्लिम समुदाय के लोगों ने वर्ष 1945 में इलाहाबाद हाईकोर्ट में एक याचिका दाखिल किया था .जिसका फैसला वर्ष 1953 में आया।औऱ उसी के बाद यहां पर हिन्दू संगठनों के सहयोग से पुनः निर्माण कार्य आरंभ हुआ और जो 1982 में पूरा हुआ।

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श्रीकृष्ण जन्मभूमि विवाद क्या है Sri Krishna Janmabhoomi dispute in hindi

श्री कृष्ण जन्म मंदिर स्थान मथुरा

श्री कृष्ण जन्म मंदिर स्थान मथुरा फ़ोटो

भारत समेत दुनिया के तमाम हिन्दू वँ भगवान श्रीकृष्ण के भक्तों तथा हिन्दू संगठनों द्वारा वर्षो से यह मांग रही हैं कि भगवान श्री कृष्ण जन्म भूमि स्थान पर श्री कृष्ण मंदिर को तोड़वा कर मुगल आक्रांता औरंगजेब द्वारा यहां के एक भाग में जिस ईदगाह मस्जिद का निर्माण करवाया गया था। उसे पुनः हटा कर हिन्दुओ के उसके आराध्या श्री कृष्ण जन्म स्थान के शेष भूमि 13.37 एकड़ जमीन लौटा दी जाए। हिन्दू साधु संत वँ हिन्दू धर्म का कहना है कि वर्तमान समय में जिस स्थान पर ईदगाह बनी हुई है.

वही स्थान असल में भगवान श्री कृष्ण का जन्म स्थान है और कंस का कारागार था। वैसे इस मंदिर को लेकर आज से नही बल्कि के कई वर्षों से यह विवाद है, श्री कृष्ण जन्म और गलत तरीके से बनाये गए मुस्लिम आक्रांता औरंज़ेब द्वारा ईदगाह को लेकर पहली बार मुकदमा दर्ज 1832 में मथुरा में ही कि गई थी ,तब उस वक्त इस देश में अंग्रेजों की शासन थी.वैसे ऐसा ही विवाद अयोध्या श्री रामजन्म भूमि स्थान के लिए भी था लेकिन वहाँ पर कितने लंबी संघर्ष के बाद मौजूदा योगी आदित्यनाथ वँ बीजेपी की मोदी सरकार के कारण यह मामला कुछ आसान हुआ।

जिसके बाद वर्ष 2019 में सुप्रीम कोर्ट द्वारा हिन्दुओ के पक्ष में फैसला सुनाया गया।और अनंत ह बाबर के समर्थकों को हार हुई।औऱ वर्तमान समय में पूरे देश भर से चंदा इकठ्ठा कर भगवान श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ स्थल पर एक भव्य वं विशाल श्रीराम मंदिर का निर्माण कार्य चल रहा है।जो वर्ष 2023 तक बन कर तैयार हो जाएगा।

वर्तमान समय में भगवान श्री कृष्ण जन्मभूमि तीर्थ स्थल ( Sri Krishna Janmabhoomi) ईदगाह मस्जिद को हटाने को लेकर सबसे बड़ी बाधा हैं Place of worship Act 1991 भी है. जिसके तहत 15 अगस्त 1947 को देश की आजादी के समय देश में जिन धार्मिक स्थलों का जो स्थान था भविष्य में वही रहेगा , सिवाये रामजन्म भूमि तीर्थ को छोड़कर ।

यानी कि 15 अगस्त 1947 के बाद से जिस धार्मिक स्थल पर जिस पंथ या धर्म का अधिकार था, आगे भी उसी का रहेगा. आपको यह बता दें कि Place of worship Act 1991 ततत्तकालीन प्रधानमंत्री नरसिम्हा राव सरकार में यह बिल पास हुआ था।और जब तक यह कानून रहेगा तब तक श्रीकृष्ण जन्मभूमि  का विवाद खत्म नहीं हो सकता।

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पूछा जाने वाला प्रश्न:-

कृष्ण भगवान की जन्म भूमि कौन सी है?Which is the birth place of Lord Krishna? 

जिस जगह पर आज कृष्ण जन्मस्थान है, वहां पांच हजार साल पहले मल्लपुरा क्षेत्र के कटरा केशव देव में राजा कंस का कारागार हुआ करता था। इसी कारागार में भगवान कृष्ण ने जन्म लिया था। कटरा केशव देव को भी कृष्ण जन्मभूमि माना है।

मथुरा में श्री कृष्ण का जन्म कब हुआ था? When was Shri Krishna born in Mathura?

श्री कृष्ण का जन्म भादो माह के रोहिणी नक्षत्र में आधी रात को मथुरा के एक कारागार में श्री कृष्ण का जन्म हुआ था।

श्रीकृष्ण के प्रपौत्र ने ही बनवाया था जन्‍मभूमि मंदिर

ग्रंथों के अनुसार, मथुरा में जिस जगह पर आज कृष्‍ण जन्‍मभूमि मंदिर है, वह कंस के शासनकाल में मल्‍लपुरा क्षेत्र के कटरा केशव देव में कंस का कारागार हुआ करता था।औऱ उसी कारागार पर श्रीकृष्ण के प्रपौत्र ने कृष्ण मंदिर बनवाया था।

कृष्ण को केशव क्यों कहा जाता है?

हरिवंश के वर्णन से प्रतीत होता है कि केशी कंस का परम प्रिय भाई या मित्र था। केशी को मारने से कृष्ण का नाम ‘केशव’ हुआ। पुराणों के अनुसार केशी घोड़े का रूप बना कर कृष्ण को मारने गया था। सनातन धर्म के अनुसार भगवान विष्णु सर्वपापहारी पवित्र और समस्त मनुष्यों को भोग तथा मोक्ष प्रदान करने वाले प्रमुख देवता हैं. इसलिए भगवान कृष्ण को केशव कहा जाता हैं।

मथुरा का मंदिर किसने बनवाया था Who built the Mathura temple

मथुरा का मंदिर का निर्माण बुंदेला राजा ने तब 33 लाख रुपयों में करवाया था. जिसका 1770 में मराठाओं ने गोवर्धन के युद्ध में मुगलों को हराने के बाद मंदिर का पुनर्निमाण कराया गया.

मथुरा में कौन कौन से मंदिर है?Which temples are there in Mathura?

मथुरा के कुछ प्रमुख औऱ विश्व प्रसिद्ध ये है–

श्री कृष्ण जन्मस्थान मंदिर – Shri Krishna Janmasthan  Temple 

द्वारकाधीश मंदिर – Dwarkadhish Temple

बिड़ला मंदिर मथुरा – Birla Mandir  

श्री जुगल किशोर जी मंदिर – shiri jugal kishor Temple


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Conclusion:- मथुरा श्री कृष्ण जन्मभूमि औऱ शाही ईदगाह मस्जिद के बीच का जमीनी मालिकाना हक के  विवाद का यह जानकारी आपको कैसा लगा, क्या यह Mthura Sri Krishna Janmabhoomi dispute & History का जानकारी आपके लिए पर्याप्त है. और अगर है तो आप हमें अपने विचार कमेंट कर बताएं। हम आपके हर एक प्रश्न का उत्तर देने के लिए तैयार है।

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