Pavagadh Kalika Mata Temple: 500 साल बाद फहराई गई, पावागढ़ कलिका माता मंदिर में ध्वज जानें पूरी जानकारी

Pavagadh Kalika Mata Temple Imformation in Hindi : हमारे देश का प्रत्येक राज्य जिला अपने यहां का प्रसिद्ध हिन्दू मंदिरों के लिए जाना जाता देश में कई ऐसे मन्दिर हैं .जो किसी न किसी खास वजह से जाना जाता है. कुछ हिन्दू मन्दिर अपनी प्राचीन बनावट, वास्तुकला नक्काशी ,सुंदरता, विशालकाय होने के वजह से प्रसिद्ध हैं. आज के इस लेख में हम आपको माँ दुर्गा के 51 शक्तिपीठों में से एक कालिका माता मंदिर, पावागढ़ के (पावागढ़ का प्राचीन इतिहास) बारे में बताएंगे …

Pavagadh Kalika Mata Temple: 500 साल बाद फहराई गई, पावागढ़ कलिका माता मंदिर में ध्वज जानें पूरी जानकारी

नयी कलिका मंदिर, पावागढ़

यह एक कलिका मंदिर, पावागढ़ हिन्दू मन्दिर हैं.जिसे वहां के लोगों के अनुसार यह मंदिर 10वी सदी से 12वी सदी के मध्य का माना जाता है.यह मंदिर माता काली को समर्पित है. इसे यूनेस्को ने विश्व विरासत स्थल धरोहर घोषित किया गया है. जो पावागढ़ पहाड़ी पर समुद्र तल से करीब करीब762 मीटर ऊपर स्थित हैं. पहाड़ी पर चढ़कर आप मंदिर प्रांगन के आसपास अतिसुन्दर वं मनमोहक , रमणीय दृश्य को देख सकते हैं।तो आइए जानते हैं विस्तार से Kalika Mata Madir के बारे में-

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पावागढ़ कालिका माता मंदिर का इतिहास – History of Pavagadh Kalika Mata Temple in Hindi

कालिका माता मंदिर माँ दुर्गा को समर्पित माता काली का मंदिर भारत के गुजरात राज्य में स्थित हैं. इस मंदिर को गुजरात के सबसे पुराने मंदिरों में से एक माना जाता है. वैसे तो इस मंदिर निर्माण को लेकर इतिहास में कोई स्पष्ट रूप से जानकारी नहीं मिलती है. लेकिन वहां के पुजारी वँ आमनिवासी के अनुसार इस मंदिर का निर्माण 10 वीं से -12 शताब्दी के बीच में हुआ है।

कालिका माता मंदिर की कहानी– Kalika Mata ka kahani in Hindi

कालिका माता मंदिर की कहानी– Kalika Mata ka kahani in Hindi

गुजरात राज्य में तो वैसे कई हिन्दू औऱ जैनतीर्थ मंदिर हैं परन्तु उनमें से प्रमुख कालिका माता मंदिर पावागढ़ का है यह बहुत ही प्राचीन वँ प्रसिद्ध मंदिर है।जिसको लेकर अनेकों दिलचस्प कथाएं औऱ  रहस्य सुनने को मिलता है. उन्ही में से पावागढ़ अंबे माता की प्रसिद्ध दो कथाएं इस प्रकार है निचे-Pavagadh quotes

पावागढ़ धाम की कालिका माता मंदिर की पहली कहानी Kalika Mata Mandir ka Story in hindi

यहां के आमलोगों वँ पुजारियों के अनुसार पावागढ़ अंबा माता की प्रथम कथा – प्राचीन समय में नवरात्र पर्व के समय मन्दिर प्रांगण में ही गरबा नामक गुजराती लोक नृत्य जो यहां का पारंपरिक नृत्य हैं। उसी का आयोजन हुआ था.जहा पर हजारों की संख्या में पुरूष महिलाएं एक साथ मिलकर पारंपरिक नृत्य कर रहे थे. और इसी पारंपरिक नृत्य में माँ अंम्बे एक महिला का स्वरूप लेकर हिस्सा ली थी.

औऱ इन आमलोगों के मध्य में वहां के महाराजा पात जयसिंह जो भक्तों के साथ नृत्य कर रहे थे.जो अंम्बे के स्वरूप वाली महिला की सुंदरता को देखकर मंत्रमुग्ध हो जाता है.और वह राजा उस स्त्री को गन्दी नजरो से देखने लगा। हाथ पकड़कर अनुचित व्यहार करने लगा।जिसके बाद उस महिला ने तीन बार क्षमा मांगने को कहा।

परन्तु राजा अपने वासना में डूबे हुए थे. और वह कुछ भी नहीं समझ रहा था.जिसके बाद देवी ने शाप दिया कि उस राजा का साम्राज्य जल्द ही बर्बाद हो जायेगा।और उस शाप के कुछ ही वर्षों में मुस्लिम आक्रमणकारी महमूद बेगड़ा ने उस राज्य पर हमला कर दिया. और राजा पटई जयसिंह उस युद्ध में हार गया तथा महमूद बेगड़ा द्वारा मार डाला गया।

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कालिका माता पावागढ़ मंदिर से जुड़ी दूसरी कहानी Kalika Mata Temple Story

हिन्दुओ के धार्मिक ग्रन्थों वँ पुराणों के अनुसार – राजा दक्ष ने एक यज्ञ का आयोजन किया था ,तब उन्होंने सभी देवताओं देवियों को आमंत्रित किया था. परन्तु अपने दामाद भगवान शिव को अपमानित करने के लिए जान बुझकर उन्होंने निमंत्रण नही भेजा था. परन्तु सती ने इन सभी बातों को नकारते हुए भी अपने पिता के घर जान बूझकर आयी और यज्ञ में शामिल हो रही थीं.

जहा पर सती के पिता राजा दक्ष प्रजापति द्वारा भगवान शिव यानी सती के पति को अपमानित किया.और इस तरह से ही सती अपने पति भगवान शिव का अपमान को सहन न कर सकी और वही यज्ञ कुंड के अग्नि में कूदकर अपने प्राण दे दिए। जिसके बाद भगवान शिव वीरभद्र अवतार लेकर राजा दक्ष प्रजापति की हत्या कर दिए।

फिर उसके बाद भगवान शिव सती के मृत शरीर को लेकर तांडव नृत्य करने लगे।उसके बाद भगवान विष्णु शिव के क्रोध को शांत करने के लिए सुदर्शन चक्र को चलाकर सती के मृत शरीर को 51 टुकड़ों में काट दिया। जिससे माता सती के पैर की अंगुली इस स्थान पर गिरी थी जिसके बाद यहाँ देवी शक्ति को समर्पित शक्तिपीठ  पावागढ़ अंबाजी की स्थापना की गयी थी।

पावागढ़ कालिका माता मंदिर की वास्तुकला Architecture of Kalika Mata Temple in Hindi

पावागढ़ कालिका माता मंदिर की वास्तुकला Architecture of Kalika
प्राचीन कलिका मंदिर, पावागढ़

पावागढ़ महाकाली मंदिर की वास्तुकला तथा बनावट और इसका डिजाइन काफी ही दिलचस्प तथा अनोखी है इस पावागढ़ वाले महाकाली मंदिर गुजरात को दो भागों में अलग अलग विभाजित किया गया है,इसका भू भाग पर हिंदू मंदिरों अवस्थित हैं. जबकि इस  मंदिर के शिखर वाले भाग पर मुस्लिम पंथ का धर्मस्थल है. इस मंदिर के गर्भग्रह में लाल रंग में रंगी हुई माँ कालिका माता की मूर्ति को स्थापित किया गया है. जबकि इस श्री महाकाली टेम्पल पावागढ़ gujarat के माँ के  दाहिने और बाहुचरा में स्थित हैं.इसके विषय में यहां के पुजारी कहते हैं कि– इसका इस्तेमाल 1850 के दशक में किया गया था.

महाकाली माता मंदिर पावागढ़ गुजरात दर्शन का करने का समय  प्रातःकाल सुबह 5.00 बजे से लेकर शाम को 7.00 बजे तक होता है.

कालिका माता पावागढ़ की आरती का समय –Kalika Mata Mandir pavagadh Aarti Time 

इस मंदिर का सुबह की आरती : प्रातःकाल 5.00 होती है।और शाम की आरती : सन्ध्या काल मे 6.30 बजे होती है।

Pavagadh temple darshan time ticket kitna h

अगर आप भी pavagadh wali mahakali मन्दिर जाना चाहते हैं तो उससे पहले आपको वहां का प्रवेश शुक्ल के विषय में जान लेना चाहिए. वैसे आपको यह जानकर काफी खुशी होगी कि मन्दिर में जाने के लिए वँ मिनी पावागढ़ महाकाली मंदिर gujarat में दर्शन करने के लिए किसी भी व्यक्ति को कोई शुल्क नहीं देनी पड़ती है. 

लेकिन यदि आप उड़न खटोला या केवल कार से जाना चाहते हैं क्योंकि यह मंदिर पहाड़ी के काफी ऊपर है तो उसके लिए आपको 90 रूपये प्रति व्यक्ति के अनुसार शुल्क देना होगा। इन सभी चीजों के लिए आपको udan khatola online booking बुकिंग करना होगा।

कालिका माता मंदिर के आसपास पावगढ़ में घूमने की जगहें – Places to visit in Pavagadh around Kalika Mata Temple in Hindi

आप जभी कभी कालका मन्दिर पावगढ़ घूमने जाएं तो आप वहां के मौजूद धार्मिक पर्यटन स्थल तथा आकर्षक पर्यटक स्थल आदि को देख सकते हैं .जिनके नाम कुछ इस प्रकार से है-

पावागढ़ किला Pavagadh Fort

पावागढ़ जैन मंदिर

जामी मस्जिद

लकुलीश मंदिर

पावागढ़ जलप्रपात

लीला गुम्बद

नगीना मस्जिद

केवड़ा मस्जिद

पावागढ़ कालिका माता मंदिर घूमने जाने का सबसे अच्छा समय – Best time to visit Kalika Mata Temple in Hindi

कालिका माता मंदिर पावागढ़ तो सैलानी साल के किसी भी समय जा सकते है.लेकिन हम आपको यह सलाह देंगे कि आप गर्मी ओर वर्षात के समय में नही जाए तो वही अच्छा रहेगा।और आप चाहें तो अक्टूबर से मार्च के बीच का माना जाता हैं। क्योंकि ठंडी के मौसम के दौरान इस क्षेत्र के प्रमुख पर्यटन स्थलों की यात्रा करना सहज और काफी आरामदायक होता हैं।

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कालिका माता मंदिर पावागढ़ कैसे जाएं या पावागढ़ जाने का रास्ता  How To Reach Kalika Mata Mandir Pavagadh in Hindi

कालिका माता मंदिर पावागढ़ आप बस ट्रक ट्रेन हवाई जहाज किसी भी चीज से जा सकते हैं.

कालिका माता मंदिर पावागढ़ हवाई जहाज से जाने के लिए आपको वहां के नजदीकी हवाई अड्डा वडोदरा एयरपोर्ट जाना होगा और वहां से आप टैक्सी से मंदिर आसानी से जा सकते हैं. पावागढ़ से बड़ौदा लगभग 42 किलोमीटर दूर स्थित है.पावागढ़ कलिका मन्दिर रेल से पहुचने के लिए आपको वहां के सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन पावागढ़ रेलवे स्टेशन जाना होगा।और वहां से मन्दिर की दूरी लगभग 45 km दूर है।या आप देश के किसी भी क्षेत्र से बड़ौदा जंक्सन पहुंच पावागढ़ जा सकते हैं.

इसके अलावा आप पावागढ़ कलिका मन्दिर सड़क मार्ग से भी पहुंच सकते हैं।उसके लिए आपको सबसे पहले बड़ौदा बस स्टैंड पहुचना होगा।

पावागढ़ कालिका माता मंदिर के आसपास होटल – Near Kalika Mata Temple hotles in Hindi

कालिका माता मंदिर पावागढ़ यदि आप जाना चाहते हैं तो उसके लिए आप वहां के आसपास बहुत सारे अनेको प्रकार का होटल हैं.इसमें चंपानेर से लेकर पावागढ़ तक है।आप अपने बजट के अनुसार अपने होटल बुक कर सकते हैं।

होटल नीलकंठ इन hotel Nilakanth

pavagadh champaner hotel

होटल सिटी इन Hotel City in

मैंगो होटल तंशा रीगल – वडोदरा Mango Hotel Tanha Regal 

कम्फर्ट इन डोनिल Compartido in Donil

बरगद पैराडाइज रिजॉर्ट Bargad Paradise Resorts

पावागढ़ हिल

कालिका माता मंदिर का मैप – Map of  pavagadh 

पूछा जाने वाले प्रश्न:-

पावागढ़ कितना बड़ा है

पावागढ़ पर्वत करीब 40 वर्ग किमी क्षेत्रफल में फैला हुआ है. और इस पर्वत का उम्र 8 करोड़ वर्ष है।

पावागढ़ का रहस्य क्या है?

कहा जाता है कि इस दुर्गम पर्वत पर चढ़ाई लगभग असंभव काम था। चारों तरफ खाइयों से घिरे होने के कारण यहाँ हवा का वेग भी चहुँतरफा था, इसलिए इसे पावागढ़ अर्थात ऐसी जगह कहा गया जहाँ पवन का वास हो। यह मंदिर गुजरात की प्राचीन राजधानी चांपानेर के पास स्थित है, जो वडोदरा शहर से लगभग 50 किलोमीटर दूर है।

पावागढ़ का नाम कैसे पड़ा?

पावागढ़ का नाम पावागढ इसलिए पड़ा क्योंकि यहाँ पर माता रानी देवी सती के दाहिने पैर का अंगूठा नीचे गिरा था। चूँकि यहाँ पाव (पैर) का हिस्सा गिरा था, इसलिए इस स्थान का नाम पावागढ़ पड़ा।

इसके अलावा इस स्थान का नाम पावागढ इसलिये भी हैं क्योंकि यह स्थान एक दुर्गम हैं तथा कठिन भी हैं यहां स्थित इस पर्वत के चारों तरफ खाइयों से घिरा हुआ है जिसके कारण यहाँ हवा का वेग भी चहुँतरफा हैं इसलिए इस स्थान का नाम पावागढ़ पड़ा। अर्थात ऐसी जगह जहाँ सिर्फ पवन का वास है।

पावागढ़ वाली कालका माता मंदिर में पहुचने के लिए कितना सीढ़ियां चढ़नी पड़ती हैं।

पावागढ़ वाली कालका माता मंदिर में पहुचने के लिए कुल 250 सीढ़ियां चढ़नी पड़ती हैं.

चंपानेर पावागढ़ वर्ष में यूनेस्को ने कहा Champaner Pavagadh in year UNESCO said

चंपानेर पावागढ़ बहुआयामी स्थान है

चंपानेर पावागढ़ गुजरात को प्रसिद्ध बनाने के उपाय Measure to make Champaner Pavagadh gujrat famous

कलिका माता मंदिर को विकसित कर पर्यटन को बढ़वा देना।

पावागढ़ पहाड़ियों द्वारा कितने एसडी।How many SD by  Pavagadh hills.

4 तरफ से।

पावागढ़ कहा पर हैं।pavagadh kaha par hai

कालिका माता मंदिर पावागढ़ address हैं गुजरात के पंचमहल जिला में स्थित है. जिसकी शुरुआत जिला चंपानेर से होती है जो प्राचीन गुजरात की राजधानी हैं।

Ponds name in Pavagadh.-

दूधिया pond नाम है।

पावागढ़ में माता पार्वती के शरीर का कौन सा अंग है?

पावागढ़ में मां देवी सती के दाहिने पैर का अंगूठा नीचे गिरा था। 

पावागढ़ में कौन सी माता का मंदिर है?

दक्षिणमुखी काली मां की है मूर्ति है

वडोदरा से पावागढ़ कितनी दूर है?

वडोदरा से पावागढ़ लगभग 50 किलोमीटर दूरी हैं।

पावागढ़ के राजा का क्या नाम था

पावागढ़ जाने के लिए कौन से स्टेशन पर उतरना पड़ता है?

पावागढ़ जाने के लिए वड़ोदरा रेलवे स्टेशन उतरना पड़ता है क्योंकि यह सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन हैं

चंपानेर का राजा कौन था?

चंपानेर का राजा वनराज चावड़ा थी।

पावागढ़ चालू है क्या?

हा पावागढ़ चालू है पिछले साल कोरोना लॉकडाउन के चलते 111 दिनों तक मां कालिका पावागढ़ मंदिर बंद रहा।

पावागढ़ किस राज्य में है

गुजरात में

पावागढ़ का किला किसने बनवाया था?

13वीं शताब्दी में खिची चौहान के राजपूत राजाओं ने  पावागढ़ का किला बनवाया था।

पावागढ़ में रोपवे खुला है?

पावागढ़ रोपवे खुला हुआ है

भिवानी से पावागढ़ कितना किमी हैं

3 km

पावागढ़ में झूला का निर्माण कार्य किसने किया।

गुजरात सरकार

दाहोद से पावागढ़ की दूरी कितना है

6 km

ईडर गोल पावागढ़ से कितनी दूर है

2km

पावागढ़ के पास कोठी कहा पर है

पावागढ़ किला के पास

चैत्र नवरात्रि में पावागढ़ वाली माता जी का बाड़ी कब उड़ती है

नवमी तिथि को।

पावागढ़ शक्तिपीठ जहां रात में रुकने के लिए कोई जगह या लॉज हैं क्या।

हा है

चंपानेर पावागढ़ को बनाने में कितनी लागत आई है।How many cost to build Champaner Pavagadh.

आधिकारिक कोई आंकड़ा इसका उपलब्ध नहीं है

चंपानेर पावागढ़ विश्व धरोहर कब शामिल हुई? When did Champaner Pavagadh world heritage incluslor.

2004 में

कालिका माता मंदिर पावागढ़ की ऊंचाई कितनी है।

1528 मी. हैं।

गुरु पूर्णिमा पावागढ़ लाइव

पावागढ़ मंदिर आने जाने का किराया

Pavagadh gujrat me calling number नहीं है उपलब्ध.

Pavagadh songs garba lyrics.

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आज का यह लेख पावागढ़ कालिका माता मंदिर जो 51 शक्तिपीठ में से एक माना जाता है इसी मंदिर सम्बंधित पावागढ़ का इतिहास,पावागढ़ मन्दिर रहस्य के बारे में यह जानकारी आपको कैसा लगा।क्या यह Pavagadh Kalika Mata Temple Imformation in Hindi में यह जानकारी आपके लिए पर्याप्त है. यदि आपको पावागढ़ से जुड़ी हुई कोई औऱ जानकारी हो तो आप हमें बताएं, हम उसे update करेंगे।

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