आज हम आपको भारत के ऐसे हिन्दू मन्दिर के विषय में बताने जा रहा हूँ. जिसका इस देश के बाहरी लुटरों के साथ देशी लुटरे ने भी भरपूर उपयोग किया. परन्तु उसका नाम इतिहास के पन्नों से गायब कर दिया,इस मन्दिर के प्रारूप को व चोरी कर कैसे देश का संसद भवन का निर्माण किया, फिर इस भव्य ऐतिहासिक धरोहर को उसके हाल पर छोड़ दिया गया। देश के आजाद हो जाने पर भी भारत सरकार ने भी इसके भविष्य के लिए कुछ नहीं किया। तो चलिए विस्तार से जानते हैं- चौसठ योगिनी मन्दिर–Chausath Yogini Temple Morena
चौसठ योगिनी मन्दिर मुरैना का इतिहास History of Chausath Yogini Temple Morena
ChausatYoginiTemple Morena:- यह मंदिर मध्यप्रदेश के राजधानी ग्वालियर से करीब 45 km दूर मुरैना जिले के मितावली गांव में है.इस मंदिर का निर्माण ईशा मसीह के जन्म से करीब 1300 वर्ष पूर्व की गई थी.इस बात की जानकारी यहाँ प्राप्त एक शिलालेख से मिलती हैं .यानी आप कह सकते हैं.
भारतीय कैलेंडर विक्रम संवत सन 1300 से 1400 में की गई थी. चौसठ योगिनी मंदिर का निर्माण कच्छप राजा देवपाल द्वारा की गई थी। विद्वानों का ऐसा मानना है कि यह मंदिर सूर्य के गोचर के आधार पर ज्योतिष शास्त्र तथा गणित शास्त्र में लोगों को अध्ययन करने के लिए बनाया गया था।जिसका उपयोग तंत्र मंत्र विधा के लिए किया जाता था, इसके भी अलावा कई प्रकार के वैदिक ज्योतिष शिक्षा भी दिया जाता था।
चौसठ योगिनी मंदिर को एकट्टसो महादेव मंदिर भी कहा जाता है .यह मंदिर करीब 220 फुट ऊंचे पहाड़ों पर बनी हुई है. यह आकार में संसद भवन जैसा गोलाकार मन्दिर हैं.जिसकी बाहरी त्रिज्या 170 फुट हैं . इस मंदिर के अंदर कुल 64 छोटे बड़े कक्ष और 101 खम्भे हैं और हर कक्ष में शिवलिंग तथा एक योगनी हैं. वं इसी कारण इस मंदिर का नाम चौसठ योगिनी मंदिर नाम पड़ा। पहाड़ी पर स्थित इस मंदिर के कुछ योगनी प्रतिमा चोरी हो गईं, बाकी योगिनियां म्यूजियम में सुरक्षित रखी गई हैं।
चौसठ योगिनी मंदिर का मुख्य केंद्र Chausath Yogini Temple Morena
इस मंदिर के मुख्य केंद्र में जल का बहुत बड़ा भंडारण हैं, जिसे वर्षों जल को सरंक्षित करने के लिए बनाया गया था। इस पौराणिक मन्दिर का आकार बनावट कुछ इस प्रकार है कि यह 3000 वर्ष पुराना हो जाने के बाद भी सुरक्षित है, जबकि यह भूकम्पीय जॉन में आता है और कई बार तो भुकम्प आ भी चुकी हैं। इस मंदिर को भारत सरकार के भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण द्वारा वर्ष 1951 में एक प्राचीन और ऐतिहासिक स्मारक घोषित किया गया है।
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भारतीय संसद भवन का निर्माण चौसठ योगिनी मंदिर के वास्तु प्रारूप से बना
हमारे देश में जभी कभी संसद भवन का बात होती हैं . तो एक अंग्रेज अधिकारी एडविन लुटियंस इस संसद भवन के निर्माण का मुखतयः श्रेय दिया जाता हैं . और यह बताया जाता है. कि उसी ने संसद भवन को डिजाइन तैयार किया था.परन्तु ये नहीं बताया जाता कि इस डिजाइन को किसी अन्य हिंदू मंदिर चौसठ योगिनी मन्दिर Chausath Yogini Temple Morena के प्रारूप को चोरी कर मौजूदा भवन का निर्माण किया गया था।
जबकि पूर्ण सत्य यही है कि चौसठ योगिनी मंदिर के डिजाइन को ही चोरी कर संसद भवन का निर्माण किया गया था.वं इसके लिए हमारे दोगले इतिहाकारो के साथ साथ पूर्वती सरकार भी जिम्मेदार हैं, जिन्होंने उसी लुटियंस मानसिक गुलाम बना रहा। दरअसल जिस समय भारत के संसद भवन का निर्माण कार्य शुरू हुआ तो उस समय अंग्रेजी हुकूमत की सरकार थी , तब अंग्रेजों ने अपने सहूलियत से ही यह विचार कर इस देश को संसद भवन देने की बात की।
और तब उस समय एक अंग्रेज अधिकारी एडविन लुटियंस ने मध्यप्रदेश स्थित हिन्दू मन्दिर चौसठ योगिनी मन्दिर का डिजाइन चोरी कर ,संसद भवन के निर्माण कार्य की नींव रखी। वं आश्चर्य की बात यह है कि हमारे देश के आजतक अंग्रेजी सरकार के मानसिक गुलाम वाले नेता,इतिहाशकर संसद भवन के लिए हजारों साल पुरानी मन्दिर चौंसठ योगिनी मंदिर का कोई योगदान नही दिया।। तथा भारत सरकार ने भी इस मंदिर के बचाव औऱ पुनः निर्माण कार्य के लिए कोई कार्य नही किया।
भारत के मौजूदा संसद भवन का निर्माण कब हुआ
भारतीय संसद भवन का निर्माण कार्य अंग्रेजों ने ही भारत के पैसों से बनाया था. संसद भवन को बनने में कुल 6 वर्ष का समय लगा था. जो 12 फरवरी 1921 में बनना शुरू हुआ और वर्ष 1927 में बनकर तैयार हुआ था, तब इसे बनाने में कुल 83 लाख रुपए का खर्च हुआ था, उस वक्त इसे सेंट्रल हाल का नाम दिया गया थाजो बाद में बदलकर संसद भवन रखा गया।
वैसे पूरी दुनिया में भारत के सांसद भवन जैसा कोई भी संसद भवन नही हैं. हमारे देश के संसद भवन का व्यास 560 फिट वं इसका घेराव 533 मीटर है.यह इमारत कुल 6 एकड़ क्षेत्र में फैली हुई है। भारतीय संसद भवन में कुल 12 दरवाजे हैं जो हल्के पीले रंग के 144 खंभे हैं जिनकी ऊंचाई 27 फीट है । इस संसद भवन का निर्माता ब्रिटिश वास्तुविद सर एडविन लुटियंस और हरबर्ट बेकर को माना जाता है।
मित्रो जागरूक हो,अपने गौरव को अतीत को पहचाने, जानें ।भारत गुलाम से पूर्व हर चीज से परिपूर्ण भू भाग था।अतः आप अपने गौरव को अतीत को कभी न भूले।आज का हमारी यह पोस्ट आपको कैसा लगा,कृपया आप सब अपने विचार हमारे कमेट बॉक्स में जरूर रखें।
पूछा जाने वाला प्रश्न:-
मौजूदा संसद भवन की डिज़ाइन वाली चौसठ योगिनी मंदिर कहाँ स्थित है?
दिल्ली में स्थित संसद भवन के डिजाइन वाला मंदिर मध्यप्रदेश राज्य के मुरैना जिले के मितावली गांव में स्थित है.
चौसठ योगिनी मंदिर किसका है?Chausath Yogini Temple Morena kiska hai
चौसठ योगिनी मंदिर भगवान शिव औऱ देवी का जो कि योगनी रूप में स्थित हैं. इसके अलावा यहां भगवान विष्णु का भी स्थान है. इस मंदिर में सैकड़ों शिवलिंग है इस मंदिर को तांत्रिक साधना का भी मंदिर कहा जाता है।
चौसठ योगिनी मंदिर में कितने कक्ष है?
यह एक योगिनी मंदिर है जो चौंसठ योगिनियों को समर्पित है। यह बाहरी रूप से 170 फीट की त्रिज्या के साथ आकार में गोलाकार है और इसके आंतरिक भाग के भीतर 64 छोटे कक्ष हैं।
योगिनी का अर्थ क्या है?
योगिनी का अर्थ होता है.जिसने इंद्रियों को नियंत्रित कर सकते, परी, योग दर्शन के अनुयायी, जादूगर होता है.
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Conclusion:- भारत के हजारों साल पुरानी हिन्दू मंदिर चौसठ योगिनी मंदिर मुरैना की जानकारी आपको कैसा लगा, क्या यह Chausath Yogini Temple Morena का जानकारी आपके लिए पर्याप्त है. और अगर है तो आप हमें अपने विचार कमेंट कर बताएं। हम आपके हर एक प्रश्न का उत्तर देने के लिए तैयार है।
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