गाँधी वध: नाथूराम गोडसे(nathuram godse) कौन था उन्होंने महात्मा गांधी की हत्या क्यों किया-

nathuram godse history in hindi: हमारे देश को अंग्रेजों से आजाद हुय करीब 75 वर्ष हो गए. औऱ यह बात तो हर कोई जनता हैं कि हमारे देश के आजादी में महात्मा गांधी की काफी अहम भूमिका थी,इस बात से कोई कभी इनकार नहीं कर सकता है. लेकिन जब बात गांधी हत्या औऱ नाथूराम गोडसे की आती हैं. तो हमारे देश की सारी जनता दो टुकड़ों में बंट जाती हैं. कोई गांधी को महान मानता है, तो कोई गोडसे को।

गाँधी वध: नाथूराम गोडसे(nathuram godse) कौन था उन्होंने महात्मा गांधी की हत्या क्यों किया-

परन्तु यह बात भी सच है कि जिस देश में हिटलर तथा मुसोलिनी जापान के निर्दोष लोगों पर परमाणु बम गिराने वाले अमेरिकी राष्ट्रपति औऱ भारत के टुकड़े करने वाले औऱ उसमे अपनी सह भागीदारी सुनिश्चित करने वाले पंडित नेहरू मोहनदास करमचंद गांधी को श्रेष्ठ बताया जाता है. तो नाथूराम गोडसे को देशद्रोही। तो आज हम आपको इस लेख के माध्यम से बताएंगे गोडसे ने गांधी वध क्यों किया।आइये जानते हैं विस्तार से-nathuram godse details

नाथूराम गोडसे कौन था nathuram godse biography in hindi

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नाथूराम गोडसे का जन्म महाराष्ट्र में 19 मई 1910 को एक मध्यम ब्राह्मण परिवार में हुआ था. उनका पूरा नाम नाथूराम विनायकराव गोडसे था.उनके पिताजी एक डाक विभाग के कर्मचारी थे.गोडसे का बचपन और शिक्षा गांव में ही हुआ.वर्ष 1832 में वे पहली बार आरएसएस RSS को जॉइन किया था. उस समय वे कई अखबारों में लेख लिखने का भी कम करते थे. इतिहासकारों के अनुसार-

1946 में राष्ट्र विभाजन की बात सुनकर काफी दुखी हुए थे. और उन्होंने उसके बाद आरएसएस RSS को छोड़ दिया था. वो आगे चलकर हिंदू महासभा में शामिल हो गया। nathuram godse contribution in freedom

गाँधी के बेटे से गोडसे की मुलाकात mahatma gandhi ke bete godse se milne jail kyu gye

एक बात जो सबको हैरान कर दे परन्तु इस बात को कही न कहि तत्कालीन सरकार द्वारा दबाया गया। 30 जनवरी 1948 को कब गोडसे ने गांधी जी का हत्या कर चुका था. और वे इस जुर्म में संसद मार्ग थाने में कैद थे .तब गांधी जी के बेटे देवदास गाँधी उनसे मिलने कई बार गए। इस बात का जिक्र गोपाल गोडसे द्वारा लिखे गए की किताब ‘गाँधी वध और मैं’ में पूरे विस्तार से बताया गया है जो कि गोडसे के भाई थे।

गाँधी वध और मैं’ किताब के अनुसार जब देवदास गाँधी जब जेल में मिलने गए गोडसे तो उन्होंने देवदास गाँधी जी को पहचान लिया था.और गोडसे ने देवदास से बोला कि हम दोनों अखबार के सिलसिले में पहले मिल चुके हैं. मैं अख़बार हिंदू राष्ट्र का संपादक हु।मेरे कारण आपने अपने पिता को खोया है आपको और आपके परिवार को मेरे कारण बहुत दुख पहुंचा है।

गांधी जी का मौत से हमे भी बहुत दुख है शायद आपको मालूम नहीं हो मैं महात्मा गांधी जी बहुत बड़ा प्रशंशक रहा हूँ।आप मेरा विश्वास करो,मैं महात्मा गांधी का हत्या किसी निजी दुश्मनी या निजी रंजिश के कारण नहीं किया है,और नही हमे गांधी जी से कोई मनमुटाव मतभेद कोई द्वेष है और आपके परिवार के प्रति कोई ख़राब भाव।”

तब गांधी जी के बेटे देवदास ने पूछा, “फिर, तुमने ऐसा क्यों किया?”उसके उतर में नाथूराम गोडसे ने कहा था कि, इसके लिए आपको 2 घण्टे समय देना होगा परन्तु पुलिस थाना द्वारा समय न देने के कारण उन्हें एक पंक्ति में बोला कि “केवल और केवल राजनीतिक कारण से।”

इस मुलाकात के बाद गांधी जी के बेटे देवदास गाँधी और नाथूराम गोडसे को कई पत्र लिखा जिसमें एक पत्र लिखा देवदास था। जिसमें उन्होंने लिखा, “आपने मेरे पिता की नाशवान शरीर का ही सिर्फ अंत किया है और कुछ नहीं। आने वाले समय में आपको इसका ज्ञान एक दिन होगा, क्योंकि गांधी जी संपूर्ण संसार के लाखों लोगों के दिलों में उनके विचार अभी तक विद्यमान हैं और हमेशा रहेंगे।”

नाथूराम गोडसे nathuram godse के भाई गोपल गोडसे ने अपनी पुस्तक में एक और अहम बात का जिक्र किया है.कि देवदास गाँधी जब मिलने के लिए गए हुय थे तो उन्हें लगा था कि शायद गोडसे कोई अजीब डरावनी शक्ल वाला, खून का प्यासा कसाई कातिल नज़र आएगा, परन्तु हुआ इसके विपरीत नाथूराम गोडसे मात्र एक सहज तथा सौम्य वँ समझदार और पढ़ा लिखा उच्च विचार ,आत्मविश्वास से भरा हुआ था।

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नाथूराम गोडसे गांधी को क्यों मारा nathuram godse gandhi ko kyu mara

अब यह सवाल आता है कि नाथूराम गोडसे गांधी जी को क्यों गोली मारा।वैसे तो गोडसे महात्मा गांधी का सम्मान किया करते थे। उन्हें अपना मार्गदर्शक मानते थे. लेकिन जब देश बंटवारा का प्रश्न हुआ तो गांधी जी जो कहा वो बिल्कुल नहीं किये, उन्होंने ऐसा कोई प्रयास नही किया जिसे हमारा देश दो भागों में विभाजित न हो, नही कोई विरोध,न अनशन न हड़ताल जबकि उससे पहले उन्होंने यह कहा था कि देश का बंटवारा उनके लाश पर होगा।

उसके बाद जब देश का धर्म के आधार पर बंटवारा हुआ तो एक तरफ पाकिस्तान था जो लाखो हिन्दुओ -सिखों को बेरहमी से हत्या कर पाकिस्तान छोड़ भारत जाने को कहा, लाखो हिन्दू महिलाओं के साथ उन मुसमानों ने रेप बलात्कार किया, औऱ वही दूसरी तरफ भारत को पंथ निरपेक्ष राष्ट्र बना दिया गया और मुसलमानों को बखूबी मान सम्मान के साथ अल्पसंख्यक का सविंधानिक दर्जा दिया गया।और गांधी जी कभी भी पाकिस्तान के धरती पर हुए हिन्दुओ के पलायन और हत्या रेप बलात्कार पर कभी भी कोई विरोध या कोई बात तक नही कहि।

इस प्रकार से गोडसे के मन में एक अलग सा भाव उत्पन्न होने लगा। और अंतः वे एक विचार और आ रुके ।जहा उन्हें ऐसा लगा कि एक राष्ट्र में दो विचार 30 करोड़ से अधिक हिन्दू के लिए भविष्य में बुरा साबित हो सकता है.और देश में मुसलमानों को अधिक प्रेरित करने से भारत पुनः भविष्य में खंडित हो सकता है और यह भारतवर्ष के अखंडता के लिए गांधी औऱ गांधी के विचार जहर के सम्मान साबित हो सकता है।

फिर जब देश बंट चुका था और भारत आजाद हो चुका था तो उधर पाकिस्तान एक तरफ कश्मीर पर हमला कर दिया।तो वही भारत से पैसे मांग कर रहा था. जिसको देने के लिए गांधी जी जबरन भूख हड़ताल पर तक बैठ गए और आगे कांग्रेस को उस समय के तत्कालीन नेता प्रधानमंत्री नेहरू पटेल को विरोध के बावजूद भी भारत पाकिस्तान को 55 करोड़ रुपए दिया।जो बात नाथूराम को बिल्कुल भी अच्छा नहीं लगा।

इसके बाद उन्होंने अपने साथियों के साथ निर्णय लेकर यह प्लान तैयार किया। कि इस भारत देश को अब गांधी के राजनीतिक विचारधारा को खत्म करने होंगे। अन्यथा और समस्या खड़ा हो सकता है।

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नाथूराम गोडसे लास्ट स्पीच इन कोर्ट nathuram godse court speech in hindi

नाथूराम गोडसे लास्ट स्पीच इन कोर्ट nathuram godse court speech in hindi

नाथूराम गोडसे गांधी जी की हत्या के बाद जब उनपे यह सवाल पूछा गया कोर्ट वँ देवदास द्वारा तो उन्होंने अपने बयान में कुल 151 बातों का जिक्र किया था। आप इसे नाथूराम गोडसे का अंतिम बयान भी कह सकते हैं- हम उनमें से कुछ प्रमुख बातों को आपके सामने रख रहा हूँ-

1.13 अप्रैल 1919 पंजाब के अमृतसर में जलियाँवाला बाग़ नर संहार गोली कांड जब हुआ था .तो पूरा भारतवर्ष गुस्सा में था और इस नरसंहार के दोषी अंग्रेज अधिकारी जनरल डायर पर मुकदमा चला उसे मौत की सजा की मांग देश कर रही थी लेकिन तब गांधी ने समर्थन नही किया था.

2. भगत सिंह ,राजगुरु व सूख देव तथा उनके अन्य साथियों फांसी की सजा जब अंग्रेजों ने सुनाई औऱ समय से पहले फांसी दे भी दी गयी.तब अगर गांधी चाहते तो यह फांसी रुक सकता था लेकिन गांधी ऐसा नही किया।जिसका जिक्र उस समय के वायसराय ने किया था।

3. हिन्दू मुस्लिम के बीच एक दंगा हुआ था जिसमे गांधी जी 6 मई, 1946 को अपने एक समाजवादी सम्बोधन में यह कहा था कि वे मुस्लिम लीग की हुई हिंसा के समक्ष अपनी आहुति भी दे सकते हैं।

4. मुस्लिम लीग और मोहम्मद अली जिन्ना जैसे मुस्लिम के कट्टरपंथी नेताओं द्वारा भारत विभाजन मांग का विरोध गांधी जी द्वारा नही करना।

5. तुर्की में अंग्रेजों द्वारा मुसलमानों के खलीफा का पद हटाये जाने पर 1921 में गान्धी द्वारा खिलाफ़त आन्दोलन का अगुवाई करना।

6. केरल में हिन्दू मुस्लिम दंगो में हजारों हिन्दुओ को मौत का घाट उतार दिया गया ,मुसलमान द्वारा औऱ हजारों हिन्दुओ को जबरन मुसलमान बना दिया गया।और तब गांधी जी कोई विरोध या अनशन तब नही किये।

7. वर्ष 1926 में स्वामी श्रद्धानन्द के हत्यारे अब्दुल रशीद को गांधी ने अपना भाई बताया।औऱ उसके कारनामे को सही बताया था। स्वामी श्रद्धानन्द शुद्धि आन्दोलन चला रहे थे

8. वीर शिवाजी और महाराणा प्रताप जैसे वीर योद्धा को गांधी को पथभ्रष्ट कहा करा करते थे।

9. गान्धी कश्मीर के हिन्दू राजा हरि सिंह को कश्मीर राज्य के मुस्लिम बहुल होने से गद्दी छोड़ने तथा काशी जाकर प्रायश्चित करने का परामर्श दिया था ,तो वहीं दूसरी ओर हैदराबाद के निज़ाम के शासन का हिन्दू बहुल हैदराबाद में समर्थन किया।

10 .महात्मा गांधी ने ही आतंकी मोहम्मद अली जिन्ना को कायदे-आज़म की उपाधि दी।

11. कांग्रेस द्वारा बनी समिति ध्वज का रंग भगवा रखा गया जिसपे अशोक चक्र निर्धारण किया गया।लेकिन गांधी का जिद्द था तिरंगा पर चरखा कर दिया गया।

12. कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए हुय त्रिपुरा कांग्रेस अधिवेशन में नेताजी सुभाष चन्द्र बोस भारी बहुमत से काँग्रेस का अध्यक्ष चुन लिया गए थे और गान्धी पट्टाभि सीतारमय्या का समर्थन कर रहे थे, वे औऱ हार गए । परन्तु उस समय सुभाषचन्द्र बोस के निरन्तर विरोध औऱ असहयोग के कारण उन्हें ने पद त्याग दिया।

13. लाहौर के कांग्रेस अधिवेशन में सरदार वल्लभभाई पटेल को भारी बहुमत से अध्यक्ष पद का चुनाव सम्पन्न हुआ औऱ वे अध्यक्ष बनते उस पहले गान्धी की जिद के कारण यह पद पंडित जवाहरलाल नेहरु को दिया गया।

14. 14 और 15 जून, 1947 को दिल्ली में कांग्रेस अधिवेशन में भारत का विभाजन औऱ पाकिस्तान का नया राष्ट्र का अस्वीकृत होने वाला था, परन्तु गान्धी जी ने वहाँ पहुँच कर उस प्रस्ताव को समर्थन किया था जबकि उन्हें इसका विरोध करने चाहिए था। जबकि उससे पहले उन्होंने स्वयं ही एकबार कहा था कि भारत देश का विभाजन उनकी लाश पर होगा।

15. गुजरात के सोमनाथ मंदिर का पुनःनिर्माण जवाहरलाल नेहरू के अध्यक्षता में सरकारी खर्च पर होनी थी।औऱ इस समिती को ही गांधी जी ने भंग करवाया था।जबकि

16. वही दूसरी तरफ वही गांधी जी 13 जनवरी 1948 को दिल्ली के कई मस्जिदों का सरकारी खर्चे से पुन र्निर्माण करवाने के लिए उन्होंने आमरण अनशन किया था।

17. 15 अगस्त 1947 को भारत के बंटवारे के बाद आये हुए । वहां से हिन्दुओ को दिल्ली के खाली पड़े मस्जिद मदरसों में अस्थाई रूप से शरण ली थी लेकिन गांधी जी ने उन्हें हटाने के लिए मुस्लिम समुदाय का साथ दिए औऱ वहां से आये हुए हिन्दुओ को खुले आसमान में मरने दिया था।

18. भारत पाकिस्तान बंटवारा होने के बाद माउण्टबैटन ने भारत सरकार से पाकिस्तान सरकार को 55 करोड़ रुपये की राशि देने का परामर्श किया था।जबकि उससे पहले वह 25 करोड़ रुपए दिया जा चुका था।लेकिन उसी बीच 22 अक्टूबर, 1947 को पाकिस्तान ने कश्मीर पर हमला कर दिया। जिसके बाद केन्द्रीय मन्त्रिमण्डल ने आक्रमण के देखते हुय बकाया राशि न देने का निर्णय लिया किन्तु गान्धी ने उसी समय यह राशि तुरन्त दिलवाने के लिए अनशन शुरू कर दिया जिसके परिणामस्वरूप यह राशि पाकिस्तान को भारत के हितों के विपरीत दे दी गयी।

मोहनदास करमचंद गांधी की हत्या कब और कहा किसने की gandhi ji ka hatya kab or kaha pr kisne ki 

गांधी जी मारे जाने वाले बैरेटा पिस्तौल की तसवीर

गांधी जी मारे जाने वाले बैरेटा पिस्तौल की तसवीर

महात्मा गांधी की हत्या नाथूराम गोडसे nathuram godse ने 30 जनवरी 1948 को दिल्ली स्थित बिड़ला भवन में गोली मारकर कर दी गयी थी। गांधी जी जब आभा और मनु के कंधा पर हाथ रख शाम को हर रोज की तरह प्रार्थना करने जा रहे थे तब नाथूराम गोडसे अपने साथी नारायण औप्टे के साथ बिरला हाउस में गांधी के सामने जा कर खड़ा हो गए ।फिर गोडसे ने गांधी के पैर छुए और फिर सामने से आकर उन पर बैरेटा पिस्तौल से तीन गोलियाँ दाग दीं।

दो गोली उनके सीने में लगी और एक गोली उनके पेट पर ।जिसके बाद गांधी जी का देहांत हो गया। जिसके बाद नाथूराम गोडसे पुलिस पुलिस चिलाय और खुद को आत्म समर्पण कर दिया।अब आप यह खुद को निर्णय कीजिये कि क्या नाथूराम गोडसे गद्दार थे। क्या nathuram godse देशद्रोही थे।

नाथूराम गोडसे के अंतिम शब्द nathuram godse last statement in hindi

नाथूराम गोडसे का मृत्यु पत्र imge

नाथूराम गोडसे को जब 15 नवम्बर, 1949 को पंजाब के अम्बाला जेल में फांसी की सजा होने से पहले उन्होंने एक देश के नाम पत्र लिखा था। जिसमें उन्होंने कहा था कि-

“यदि मैं अपने राष्ट्र के प्रति भक्ति-भाव रखना अगर कोई पाप है तो मैंने वही पाप किया है परंतु यदि यह पुण्य है, तो उसके द्वारा अर्जित की गयी पुण्य पद पर मैं अपना नम्र अधिकार को व्यक्त करता हूँ। हमे पूर्ण विश्वास है कि पृथ्वी पर मनुष्योँ द्वारा स्थापित न्यायालय के ऊपर यदि ऊपर कोई और न्यायालय है, तो उसमेँ मेरे द्वारा कार्य को अपराध नहीँ समझा जाएगा, मैंने तो हमेशा से इस राष्ट्र और यहां की जाति की भलाई हेतु यह पुण्य किया। ”

नाथूराम विनायक गोडसे nathuram godse 

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हुतात्मा पंडित नथुराम गोडसे की अंतिम इच्छा आप सबके समक्ष रख रहा हूँ :

नाथूराम गोडसे की अस्थियां

“मेरी अस्थियाँ पवित्र सिन्धु नदी में ही उस दिन प्रवाहित करना जब सिन्धु नदी एक स्वतन्त्र नदी के रूप में भारत के झंडे तले बहने लगे, भले ही इसमें कितने भी वर्ष लग जायें, कितनी ही पीढ़ियाँ जन्म लें, लेकिन तब तक मेरी अस्थियाँ विसर्जित न करना…” प्रतीक्षारत हैं एक राष्ट्रभक्त की अस्थियाँ… मुक्ति हेतु …

नाथूराम गोडसे जन्मदिन nathuram godse birthday

नाथूराम गोडसे का जन्म महाराष्ट्र में 19 मई 1910 को एक मध्यम ब्राह्मण परिवार में हुआ था.

●नाथूराम गोडसे का मृत्यु nathuram godse death

15 नवम्बर, 1949 को हुआ था।

●नाथूराम गोडसे फांसी 15 नवम्बर, 1949 को दिया गया था।

●नाथूराम गोडसे का मंदिर nathuram godse temple

●नाथूराम गोडसे जयंती 19 मई को मनाया जाता है।

●नाथूराम गोडसे कहां का रहने वाला था

गोडसे महाराष्ट्र के पुणे के पास बारामती के रहने वाले थे

●क्या नाथूराम गोडसे आतंकवादी था।

नाथूराम गोडसे आतंकी नही थे वह एक देशभक्त थे।

●क्या नाथूराम गोडसे देशभक्त था

हा वह एक देशभक्त थे।

आज का यह लेख nathuram godse और गांधी वध यानी गांधी हत्या से सम्बंधित था।हमने अपने इस लेख के माध्यम से आप सभी देशवासियों को वही बताया है जो सत्य है और गांधी वध पुस्तक तथा न्यायालय में रखी

गयी नाथूराम गोडसे अंतिम भाषण हैं।यह बात पूरी तरह आपके ऊपर निर्भर करता है कि आप किन्हें अपना एक आदर्श मानते हैं।मेरा या मेरे वेबसाइट का इस बात पर किसी पर कोई दबाव या सलाह नही देता है।

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