खज्जियार जिसे भारत में मिनी स्विटरजरलैंड के नाम से
जानते हैं. यह स्थान हिमालय
के सुरम्य तश्तरी–आकार का पठार पर
देवदार वं घने चीड़
के वृक्षों से गिर हुआ
है, जहां चारो तरफ देवदार औऱ चीड़ के
हरे भरे विशाल जंगलों से घिरा हैं।
जो दुनिया के 160 देशों के मिनी स्विटरजरलैंड
देशों में खूबसूरत स्थानों में से एक हैं.यह पर्यटन स्थल
हिमालय पर्वत के पश्चिमी भाग
के धौलाधार पर्वत की तलहटी में
सुंदर रूप से बसा हैं।
यह
स्थान समुन्द्र तल से 6500 फुट
की ऊंचाई पर चम्बा घाटी
में स्थित डलहौजी से करीब 25 km दूर
पर स्थित हैं।खज्जियार आने वाले पर्यटकों को तश्तरी के
आकार का एक भव्य
विशाल लुभावनी परिप्रेक्ष्य प्रदान करता है। जो खज्जियार में प्रवेश करते समय ही एक पीला
स्विस चिह्न ‘हाईकिंग पथ’
के लिए जो “मिनी स्विटज़रलैंड”
लिखा गया है वही से
लोग आनंद उठाते आते है जाता है।
यहां
का मुख्य आकर्षण का केंद्र
खज्जियार मुख्य रूप से हिमालयी वं
चीड़ तथा देवदार के वृक्षों से
ढके जाने के कारण खूबसूरत
दिखता है. खज्जियार पर्यटकों के आने के
लिए बेहतरीन समय अप्रैल से जून जुलाई
तक के लिए होता
हैं. जहां पर्यटक गर्मियों के छुट्टियों में
आकर आत्मिक शांति वं मानसिक सुकून
पाता है। यह स्थान पर्यटकों
के लिए बिलकुल सपनों के शहर जैसा
ही है।क्योंकि यहां प्रकृति का जो अदभुत
नजारा देखने के लिए जो
मिलता हैं,
खज्जियार
के मौसम में एक अलग ही
मस्ती है,खज्जियार जिसके
बीचों बीच एक ढलवे मैदानी
क्षेत्र के मध्य में
एक झील भी है, जिसे
‘खजियार झील कहा जाता है। और यही स्थान
पर्यटकों को खूब भाता
है।इस झील के बीच में
भी दो टापूनुमा जगह
हैं, जहाँ पहुँचकर पर्यटक और भी रोमांचित
हो जाते है। शायद इन्हीं विशेषताओं के कारण चम्बा
के तत्कालीन राजा ने इसे अपनी
राजधानी बनाया था।
यह
स्थान गर्मियों के मौसम में
बेहद सुहावना रहता है। जहां इस मौसम में
यहाँ अलग अलग प्रकार के रोमांचक खेलों
का आयोजन किया जाता है। अगर आप गोल्फ के
शौकीन हैं तो आपके लिए
यह हिल स्टेशन और भी बेहतरीन
है।,यही कारण है कि भारत
समेत अन्य देशों से भी पर्यटक
यहाँ हनीमून पिकनिक मनाने के लिए आते
हैं,
इन्हें
भी पढ़ें:-माउंट आबू (Mount Abu) ; भारत का एकमात्र हिल
स्टेशन आध्यत्म और आश्चर्य से
भरी प्राकृतिक पर्यटन स्थल को जानें
खज्जियार
का मुख्य पर्यटक स्थल वं लोकप्रियता Khajjiar ka famous Tourism place
खज्जियार सिर्फ पर्वत पठार तथा हनीमून पिकनिक मनाने के लिए ही
नहीं जाना जाता है, बल्कि यह स्थान
धार्मिक
स्थल खज्जी नागा मंदिर’
के लिए भी जाना जाता
हैं।जिसमें हजारों साल से और यहाँ
नागदेव की पूजा अर्चना
की जाती हैं। बताया जाता रहा है कि यह
मंदिर 10 वीं शताब्दी पूर्व का है, जिसके
छत वं लकड़ी के
खूटी पर अलग–अलग
छवियां बनी है। इस हिंदू मंदिर
में एक विशाल मंडल
हॉल है जो पर्याप्त
रूप से लकड़ी बना
हुआ है। गुंबद के आकार का
मंदिर स्थानीय रूप से चूना पत्थर
लकडी से बनी हुई
है।
यह
स्थान पर्यटक तो मुख्य रूप
से 1951 मीटर की
ऊँचाई
पर स्थित इस हिल स्टेशन
की प्रकृतिक नजारे का आनंद उठाने
के लिए आते हैं। जहां पूरे दिन नील आसमान, खिली धूप वं तेज हवाएं
चलती रहती हैं और शाम होते
रंगीन बादल के साथ मौसम
कुछ इस कदर मनमोहक
और रोमांचित हो जाता कि
पर्यटक हल्के कपड़े पहनकर घूमने निकल जाते है।
इस
हिल स्टेशन की लोकप्रियता
खज्जियार पर्यटन स्थल के रूप में
भले ही छोटा है,
लेकिन खूबसूरती और लोकप्रियता मे
दुनिया के 160 हिल स्टेशनों में से एक है
। यह जगह महाभारत
काल के पाँच पांडवों
वं छठी द्रौपदी के प्रतीकों के
रूप में माने जाने वाला देवदार के छह एक
समान ऊँचाई वाली पेड़ भी है। जो
सार्वजनिक निर्माण विभाग के रेस्ट हाऊस
के पास स्थित हैं। मंदिर के मंडप के
कोनों में पाँच पांडवों की लकड़ी की
मूर्तियाँ स्थापित हैं। मान्यता है कि पांडव
अपने अज्ञातवास के दौरान यहाँ
आकर ठहरे थे।
इसके
अलावा यहां से करीब एक
km दूर एक’
कालटोप वन्य जीव अभ्यारण्य’
हैं जहां 13 एक समान ऊँचाई
वाली देवदार के वृक्ष हैं,
जिसे वहां के लोग ‘मदर
ट्री’
के नाम से जाना जाता
हैं। खज्जियार में आप को रंग
बिरंगे पहाड़ी पशु पक्षी देखने को मिलेंगे।औऱ इन्ही
सब खूबसूरती को देखते हुये
स्विटरजरलैंड के भारत में
आये राजदूत ने आधिकारिक तौर
पर 7 जुलाई, 1992 को खज्जियार को मिनी स्विट्जरलैंड
की उपाधि दी थी।
कैसे
पहुंचे और ठहरने के
स्थान
खज्जियार Khajjiar आने के लिए आप
सड़क मार्ग से चंबा या
डलहौजी पहुँचने के बाद ,वहां
से छोटी गाड़ियों के मद्त से
10 km दूर अपने गंतव्य तक पहुंच सकते
है,और रेलगाड़ी से
आने वाले पर्यटक सबसे पहले नजदीकी रेलवे स्टेशन गागल आना पड़ता है जो 12km दूर
स्थित हैं, तथा हवाई मार्ग से आने के
पर्यटक को नजदीकी हवाई
अड्डा कांगड़ा का गागल आना
पड़ता है।
यहां
आने वाले पर्यटकों के मनपसंद के
हर प्रकार के होटल वं
गेस्ट हाउस मौजूद हैं, जहां आप अपने क्षमता
के अनुसार रह सकते है।