Golconda Fort hyderabad: रहस्यों से भरा 400 साल पुराने गोलकोंडा किला,जानें हैरान कर देनी वाली ये बातें:-

हमारे देश में एक से एक प्राचीन किला, ऐतिहासिक दुर्ग बड़े बड़े महल, मंदिर बने हुए हैं और सबकी अपनी एक पहचान है एक गौरवपूर्ण गाथा हैं लेकिन आज हम आपको तेलंगाना की राजधानी हैदराबाद में स्थित एक ऐसी प्राचीन किला गोलकुंडा किला का इतिहास बताएंगे. यह किला आज भी अपने समय राजा महाराजा वाली अद्भुत चित्रण को प्रस्तुत करता है.यह किला हिंदुस्तान की अनोखी विरासत है.जो लोगों को अपने ओर आकर्षित करती है.आज के इस आर्टिकल में हम हैदराबाद में स्थित History of Golconda Fort की जानकारी बताने वाले है। 

इस आर्टिलक मे हम Golconda kila ka etihas, Golconda kila ka Secrets,Golconda kila Fort built by ,Golconda Kila light show timings etc सभी बाते विस्तार से जानेंगे।

Golconda Fort hyderabad: रहस्यों से भरा 400 साल पुराने गोलकोंडा किला,जानें हैरान कर देनी वाली ये बातें,'

golconda fort photo

10 lines on golconda fort:– गोलकुंडा किला आंध्रप्रदेश की राजधानी हैदराबाद की पश्चिम दिशा मे स्थित है. इस ऐतिहासिक ख़ूबसुन्दर किले का इतिहास लगभग  400 साल से भी पुराना हैं. यह किला पूरे भारतवर्ष में अपने भव्‍य विरासत ,बनावट और प्रभावशाली संस्कृति के लिए प्रसिद्ध है. जिसमें कुछ ऐसे डिजाइन और नक्काशी तथा फोर्ट की बनावट हैं जो कि तेरहवीं शताब्‍दी के प्रसिद्ध राजवंश काकतिया राजवंश द्वारा निर्माण कार्य करवाने का प्रमाण मिलता है. तो चलिए Golconda Fort hyderabad in hindi की सम्पूर्ण जानकारी प्राप्त करते है।

Table of Contents

गोलकुंडा किला का इतिहास Golconda Fort History In Hindi – 

यदि आप गोलकुंडा का सम्पूर्ण इतिहास जानेंगे तो यह पायेंगे कि यह फॉर्ट मराठा साम्राज्य के काल समय में ही बना। Who made Golconda kila ? वैसे गोलकुंडा किले का निर्माण महाराजा वारंगल ने 14वीं शताब्दी में करवाया था, जिसका कई सारे ऐतिहासिक साक्ष्य प्रमाण मिलता है.परन्तु यह किला तब शायद पूर्ण रूप से अच्छे नक्काशी के साथ नही बन पाया था.जिसे बाद मे वहां की यानी गोलकुंडा की महारानी रानी रुद्रमा देवी और उनके पिताजी प्रतापरुद्र ने इस किले का पुनः सुदृढ़ीकरण वँ शेष बचे कार्यो का पुनर्निर्माण करवाया था.

गोलकुंडा फोर्ट की निर्माण एक विशाल ग्रेनाइट पहाड़ से लगभग 120 मीटर यानि 480 की ऊंचाई पर बनाया गया है. जो काफी भव्य दिखता हैं और विशाल भी। इस ऐतिहासिक क़िले के निर्माण के साथ इसपे अधिपत्य की लड़ाई होने लगी.और काकतिया राजवंश के अधिपत्य के बाद में इस किले पर मुसुनुरी नायक ने हमला करके अपना अधिकार जमा लिया था. लेकिन उसका इसपे अधिकार ज्यादा समय तक नहीं रहा .औऱ 1512 ई. में कुर्र कुतुबशाही राजाओ ने किले पर अधिकार स्थापित करके किले का नाम मुहम्मदनगर कर दिया था। 

क्या है गोलकुंडा किले का रहस्य । What is the secret of golconda fort in hindi .

देश में तो सैकड़ों किले मौजूद हैं लेकिन गोलकुंडा किले के जैसा रहस्मयी कोई नहीं है, यह भारत का ऐसा किला है जहां एक नहीं बल्कि कई रहस्य है जिसमे सबसे पहले स्थान आता है इस किले की बनावट और विपत्ति काल में राजपरिवार के लोगों के निकलने के लिए दरबार कक्ष से बाहर की ओर निकलने वाली सुरक्षित सुरंग ।लेकिन यह सुरंग वर्तमान समय में कहा से कहा तक है यह बात रहस्यमयी बनी हुई है।

दूसरी सबसे रहस्यमय बात यह है इस किले की मुख्य तल पर यदि कोई व्यक्ति ताली बजता हैं तो वह ताली की आवाज किले की बाला हिस्सार गेट से गूंजते हुए सम्पूर्ण किले में सुनाई स्पष्ट देती है। जिस कारण इस जगह को ‘तालिया मंडप’ या ध्वनि अलार्म भी कहा जाता है। 

गोलकुंडा किला की बनावट – golconda fort architecture

गोलकुंडा किला की बनावट – golconda fort architecture


गोलकुंडा किला की बनावट जैसे बनावट भारत के किसी अन्य फोर्ट में नही मिलती हैं. औऱ इसीलिए यह किला देश उन सभी किले में अपना खास जगह बनाती हैं. इस ऐतिहासिक किले में कुल आठ बड़ी दरवाजे, चार बड़ी बड़ी सीढ़ियां और पत्थर की दीवार जो तक़रीबन सात किलोमीटर की लंबी 2 मीटर चौड़ी एव बहुत ही मजबूत तथा ऊंची दीवार बनाई गई है.

इस दीवार के बाहरी हिस्से में यानी बाहर एक गहरी खाई आजतक बनी हुई है.जो कि इस 7 किलोमीटर की लंबी दीवार से गोलकुंडा नगर के विशाल भाग को सुरक्षा यानी कवर देने का काम करती है. यहाँ मौजूद सबी महलों ,भवन, इमारत एव उसकी खंडहर Golconda kila hyderabad  के प्राचीन गौरवपूर्ण गाथा बताते है. Golconda kila के दक्षिण में मुसी नदी बहती है.

Golconda kila के उत्तरी भाग में लुटेरा कुतुबशाही राजाओ के मकबरे स्थित हैं जो अब खंडहर का रूप ले चुका है. इतिहासकारो द्वारा ऐसा कहा जाता है कि यह किला पहले मिट्टी से ही बनाया गया था लेकिन बाद में लुटेरा शाषक कुतुब शाही ने इस मिट्टी के दुर्ग को ग्रेनाइट से उसी पुराने डिजाइन पर शुशोभित किया था. 7 किमी की विशाल क्षेत्रफल में फैली इस किले में 87 बुर्ज, हब्शी का कमान्स, ऊंट की रहने वाली अस्तबल, एक विशाल राज दरबार , हथियार खाना 

राजाओं रानी वँ उनके मंत्रिमंडल के लिए निजी कक्ष, तारामती मस्जिद,रानियों के लिए नगीना बाग, मुर्दा स्नानघर, राम सासा का कोठा अंबर खाना आदि जैसे कई अनेक  कक्ष तथा महल भी मौजूद है. फोर्ट के ऊपर स्थित प्रत्येक बुर्ज पर एक तोप  दुश्मनों से सावधानी के लिए लगाए गए थे। औऱ यही कारण है कि गोलकुंडा फोर्ट को एक अभेद्य और मजबूत किला आज भी कहा जाता हैं ।

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गोलकुंडा क्या मतलब है. What means golconda

गोलकुंडा का मतलब दक्षिण भारत में ‘चरवाहे की पहाड़ी,, होता हैं यह एक तेलुगू शब्द है जिसका मतलब होता हैं गोल्ला कोंडा.प्राचीन काल में यहां आसपास के लोग अपने पशुओं को चारा चरने के लिए आते थे।तब यहाँ पहाड़ के आलवा और कुछ नहीं था।

गोलकुंडा किला की कुछ विशेषताए  –

आवाज़ और लाइट शो – golconda fort light show


वर्तमान समय में पर्यटकों को देखने के लिए गोलकुंडा किला हैदराबाद में हर रोज़ लाइट शो एव रंग बिरंगे खुबसूरत वँ डरावनी आवाज़ यहां आने वाले सैलानियों का मुख्य आकर्षण का केंद्र है.इनसब के अलावा यहां  राजा रानी की सच्ची love story भी प्रोजेक्ट के द्वारा पर्यटकों को बताया जाता है. जो सैलानियों को खूब पसंद आता है।

बाहर जाने का रास्ता और रहस्यमयी सुरंग – secrets of golconda Kila

गोलकुंडा किला के बारे में ऐसा कहा जाता है कि इस फोर्ट में एक रहस्यमयी सुरंग भी है.जो राजा के दरबार कक्ष से निचे से गुजरते हुए इस महल के बाहरी विभाग तक ले जाती थी. जिसका उपयोग युद्ध काल या किसी भी विपत्ति समय में यहां रहने वाले राजपरिवार वँ उनके मंत्री गण लोगो को बहार आने और जाने के लिए उसका प्रयोग होता था। लेकिन वर्तमान समय में यह रहस्मयी सुरंग शायद बंद कर दी गयी है जिस कारण से यह नहीं दिखाई देती है। 

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425 साल पुराना वृक्ष –

गोलकुंडा किले पर्यटकों को देखने के लिए  में 425 वर्ष पुराना एक वृक्ष आज भी मौजूद है.जो कि एक अफ्रीकन बाओ बाब का पेड़ है.इस 430 साल पुराने बाओ बाब का पेड़ को यहां के रहने वाले आम लोग हतियाँ का पेड़ कहते है.यह वृक्ष वर्तमान समय में नया किला परीसर में स्थित हैं. जिसके बारे में इतिहासकारो का कहना है कि इस पौधे को एक अरबियन व्यापारी ने सुल्तान मुहम्मद कुली कुतुब शाह को तौफे में दिया था।

महाकाली मंदिर –

गोलकुंडा किले में हिंदुओ के लिए माता काली का भी मंदिर स्थित हैं जो कि किले के सबसे उपरी भाग में हैं।वैसे इस महाकाली का मंदिर कब बना औऱ किसने बनाया इसकी कोई ठोस सबूत नहीं है लेकिन इस मंदिर के बारे में ऐसा कहा जाता है कि इब्राहीम कुली कुतुब शाह हिन्दू धर्म से बहुत लगाव रखते थे। औऱ उसने ही यह मंदिर बनवाया होगा .उस समय वहां के हिन्दू लोग इब्राहीम कुली कुतुब को मल्कभिराम कहकर पुकारते थे.

ताली मारो सुरक्षा अलार्म 

गोलकुंडा किले की एक बनावट दुनिया के तमाम लोगों को आश्चर्य चकित कर देता है और वह हैं इस किले में एक सुरक्षा अलार्म ,जिसके लिए किसी मशीन या अन्य निर्जीव चीजो का उपयोग नहीं किया जाता हैं. बल्कि इस फोर्ट का ही निर्माण कुछ इस तरह से किया गया है कि कोई व्यक्ति यदि इसके प्रवेश द्वार पर ताली बजाते हैं तो  आप बहुत ही आसानी से उस ताली के आवाज को किले के सैन्य वँ राज कक्ष तक सुन सकते है .इस अलार्म का उपयोग खासकर बाहरी दुश्मनों से सावधान रहने के लिए किया जाता था।

विश्व प्रसिद्ध हीरा खदान – 

आपने ऐसे कई सारी फिल्में अब तक देख चुके होंगे जिसमें हीरे की खदान से जुड़ी फिल्में वँ व्यापार को दिखाया गया है. परन्तु आपको यह जानकर हैरानी होगी कि दुनिया की सबसे बेशकीमती हीरों का ख़ज़ाना गोलकुंडा मे ही मिला था. दुनिया के तमाम इतिहासकरों का कहना है कि उस समय के गोलकुंडा के शासक फोर्ट

ने एक बहुत बड़ी तिजोरी बनाई थी.  जिसमे हमारे देश भारत के कोह-ए-नूर तथा होप हीरे को एक साथ रखा था। गोलकुंडा किले के पास में गुंटूर जिले के अटाकुर एव परिताला के खदान में हीरे पाए जाते थे.24वी सदी में यह खदान दुनिया का एकमात्र हीरे की खदान थी. औऱ इसी कारण से इस गोलकुंडा को हीरा व्यापार का बाजार भी कहा जाता था। 

गोलकुंडा किले के पास अटाकुर औऱ परिताला के खदान से निकलने वाली हिरे के प्रकार –

रीजेंट डायमंड

कोह-ए-नूर

प्रिंसी डायमंड

होप डायमंड

विटल्सबाक-ग्रेफ डायमंड

नूर-उल-ऐन

गोलकुंडा किला का सबसे पहले कब और किसने करवाया था।Who bulit golconda fort first.

गोलकुंडा किला को लेकर एक कहानी है कि इस पहाड़ी पर कुछ चरवाहे अपने पशु को चराने गए तभी एक चरवाहे को वहां पर एक मूर्ति मिली।जिसकी सूचना वहां के राजा को दिया गया जो काकतीय राजवँश के थे ।जिसके बाद काकतिया राजवंश के राजा ने उस स्थान को पवित्र मानकर वहां पर मिट्टी का एक किला बनवा दिया, जिसे आज हम गोलकोंडा किला के नाम स जानते हैं।

इस किला का निर्माण 400 फीट ऊंची पहाड़ी पर की गई है . इस किले के मुख्य द्वार को फतेह दरवाजा कहते है, जो 13 फीट चौड़ा और 25 फीट लंबा है।जहा पहुंचने के लिए एक हजार सीढियां चढ़नी पड़ती हैं। 

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गोलकुंडा किले में राज करने वाले शासक राजवंश –Who ruled Golconda Fort ?

काकतीय राजा

काममा नायक

बहमनी सुल्तान

कुतुब शाही वंश

मुगल साम्राज्य

कुतुब शाही मकबरे –

प्राचीन समय से लेकर आधुनिक युग में भी गोलकोंडा फोर्ट ने बहुत प्रसिद्धि हासिल की हुई हैं। उसमे हिरे का व्यापार और खान भी एक खास वजह है।

विश्व धरोहर यूनेस्को – world heritage site UNESCO

तेलंगाना के हैदराबाद में स्थित गोलकुंडा किला तथा इस किले के अंदर मौजूद कुतुब शाही वंश के स्मारक को वर्ष 2010 में यूनोस्को टीम द्वारा विश्व धरोहर स्थलों के लिए पसंद किया गया था। 

औरंगज़ेब और गोलकुंडा किला –

गोलकुंडा फोर्ट दुनिया के उन तमाम सबसे मजबूत और अभेद्य किला माना जाता था जिसे हरा पाना दुनिया के बड़े बड़े सैन्य बलों वाले राजा भी सोच में पड़ जाते थे लेकिन एकबार एक द्वारपाल औरंगजेब के सेनापति के दिये गए लालच में पड़कर इसका एक दरवाजे खोल दिया था, जिस कारण से औरंगजेब के 240 तोप,90 हजार सैनिक और 50 हजार घुड़सवारों एक ही साथ उस किले के अंदर आक्रमण कर दिया था जिसके बाद वह किला उस समय पूरी तरह से ध्वस्त हो चूका था।

गोलकुंडा फोर्ट देखने कब जाए Golconda Fort Timings – 

गोलकुंडा फोर्ट को देखने आप सुबह 8 बजे से लेकर के शाम को 5.30 बजे तक जा सकते है क्योंकि उसके बाद यह किला आमलोगों के लिए बंद हो जाता है। क्योंकि यह किला भूतहा किला भी हैं. ऐसा कहा जाता है कि यहां रात के अंधेरे में एक स्त्री की आत्मा भूत प्रेत बन घूमती है और रंग बिरंगे आवाज निकलती हैं।

गोलकुंडा किला का प्रवेश शुल्क – Golconda Fort Entry Fee –

गोलकुंडा किला का प्रवेश शुल्क हर व्यक्ति के लिए अलग अलग अलग है ।

जिसमें भारतीयों पर्यटकों के लिए- प्रति व्यक्ति 15 रूपए 

विदेशी पर्यटकों के लिए- प्रति व्यक्ति 200 रूपए 

आम कैमरे या मोबाइल फोन से फोटो लेने के लिए – 25 रूपए

साउंड एंड लाइट शो देखने के लिए – भारतीय नागरिक  प्रतिव्यक्त्ति 130 रुपए तथा विदेशी पर्यटकों के लिए 200 रु।

हैदराबाद में कहा ठहरे :-

यदि आप हैदराबाद टूर पर गोलकुंडा का किला देखने जा रहे हैं तो आप वहां के इन नजदीकी होटल्स औऱ रिसार्ट में रुक सकते हैं –

Holiday Inn Express Hyderabad HITEC City

Holiday Inn Express Hyderabad Banjara Hills

golconda fort resort

Aditya Park

OYO 983 Hotel Surya Residency

Hotel Mint Ebony

GreenPark Hyderabad

Marigold By Greenpark

Radisson Blu Plaza Hotel Hyderabad Banjara Hills

Aditya Hometel

Park Hyatt Hyderabad

गोलकुंडा किला कैसे पहुँच  –

गोलकुंडा किला हैदराबाद आप रेल,सड़क या हवाई मार्ग से आ सकते है.

रेलवे मार्ग –

यदि आप देश के किसी राज्य से गोलकुंडा फोर्ट देखने जाना चाहते हैं तो आप अपने नजदीकी रेलवे स्टेशन से  कोचिगुडा तथा सिकंदराबाद रेलवे स्टेशन पहुंच गोलकुंडा फोर्ट जा सकते है। 

हवाई मार्ग –

यदि आप हवाई मार्ग से गोलकुंडा फोर्ट देखने जाना चाहते हैं तो अपने राज्य के हवाई अड्डे से हैदराबाद एयरपोर्ट पहुंच कर आप आसानी से गोलकुंडा फोर्ट को देखने जा सकते हैं। हैदराबाद हवाई अड्डे से 5 km की दूरी पर स्थित हैं किला।

सड़क मार्ग – 

रेलवेमार्ग औऱ सड़क मार्ग के आलवा आप सड़क मार्ग से भी हैदराबाद शिवमोग्गा बस स्टेशन उतर के आप आसानी से गोलकुंडा फोर्ट जा सकते है।

Golconda Fort Hyderabad Telangana Map –

10 mind blowing facts about golconda fort Haidarabad.

1 .गोलकोंडा का किला सबसे पहले मिट्टी से ही बनाया गया था, जिसे बाद में कुतुबशाही ने ग्रेनाइट से बनवाया था। 

2. गोलकोंडा फोर्ट में आठ द्वार, चार सीढ़ियां, चार अन्य – अलग औऱ छोटे किले और 87 बुर्ज है। 

3. एंथनी डोर के उपन्यास ऑल लाइट वी नॉट गोल्कोंडा माइन्स में भी गोलकोंडा हीरे की खाने का उल्लेख मिलता है।

4. गोलकोंडा का किला तेलंगाना की राजधानी हैदराबाद के पास स्थित है। 

5. गोलकोंडा फोर्ट की सभी आठ दीवारे तीन कतार में बनी हुई है जो 12 मीटर ऊंची हैं।

6.जॉन कीट्स की कविता एक जिज्ञासु शैल को प्राप्त करने पर में गोलकोंडा उल्लेख मिलता है। 

7. गोलकुंडा के समीप स्थित नजदी खदान से ही दुनिया के सबसे बेशकीमती हीरे कोहेनूर निकले थे। 

8. 16वी औऱ 17 वीं शताब्दी तक गोलकुंडा दुर्ग को हीरे की व्यपार की राजधानी कहते थे। 

9. Golconda Fort drawing से रेने मैग्रेट की पेंटिंग गोलकोंडा का नाम नगर का नाम गया था।

10. 16वी औऱ 17 वीं शताब्दी तक गोलकोंडा किला एक विशाल और बड़ा शहर के जैसा था , जिसके अवशेष आज भी है। 

भारत में खूनी किला के नाम से प्रसिद्ध अटेर का किला( ater ka kila) रहस्यमयी कहानियों को जानें-

पूछा जाने वाले प्रश्न:- 

Q .गोलकुंडा किले में छेद क्या करें गए हैं ?

हिरे की खान के लिए 

Q .Where is Golconda Fort located in

 गोलकुंडा का किला कहां पर है ?

Q. गोलकुंडा कस किला कौन जीता। Who won golconda fort .

मुगल शासक औरंगजेब ने।

Q . गोलकुंडा किला पर हमला कौन किया था Who attacked golconda fort 

मुगल शासक औरंगजेब ने।

Q .Golconda Fort is in which state / गोलकुंडा किस राज्य में है?

Telangana ,तेलंगाना राज्य में।

Q .गोलकुंडा का किला किस राजवंश ने बनवाया ? golconda fort was built by !

काकतिया राजवंश के राजाओं ने।

Q. गोलकुंडा का खान कहा पर है

तेलंगाना की राजधानी हैदराबाद से 13 किमी दूर।

Q.1632 में गोलकुंडा का राजा कौन थे

1632 ई. में गोलकुंडा के सुल्तान अब्दुल्ला कुतुब शाह था।

Q.गोलकुंडा का किला कब बना था

13वी सदी में गोलकुंडा का किला बना।

Q.गोलकुंडा किले का पहला राजा कौन थे

काकतीय राजवंश के राजा ।

Q.गोलकुंडा किस लिये प्रसिद्ध हैं What is golconda fort famous for.

बेश कीमित हीरा के लिए।

Q .गोलकुंडा किले में ध्वनि संचार का वैज्ञानिक कारण क्या है ? 

किले की बनावट ।

Q.किले में कौन सा सुल्तान रहता था। Which sultan lived in the fort.

अबुल हसन कुतुब शाह ।

Q.गोलकुंडा किले में कितनी मंजिलें हैं।How many floors are there in golconda fort .

4 मंजिल।

Q.गोलकुंडा किले में कितनी सीढ़ियां हैं। How many steps are there in golconda fort .

1000 सीढ़िया हैं

Q. गोलकुंडा का वर्तमान नाम क्या है

गोलकोंडा किला का वर्तमान नाम गोल्ला कोंडा (तेलुगु: “चरवाहों की पहाड़ी”) है।

Q.गोलकुंडा का शासक कौन था

अबुल हसन कुतुब शाह 

हमारे साइट पर आने के लिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद !


Conclusion:- तेलंगना की राजधानी हैदराबाद पर्यटन स्थल गोलकुंडा किला का यह सम्पूर्ण जानकारी आपको कैसा लगा। क्या यह importance of golconda fort, golconda fort of hyderabad का यह जानकारी आपके लिए पर्याप्त है. और अगर है तो आप हमें अपने विचार कमेंट कर बताएं। हम आपके हर एक प्रश्न का उत्तर देने के लिए तैयार है।।

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